Wednesday 25 May 2016

हेल्थ से लेकर पर्सनैलिटी ग्रूमिंग तक में फायदेमंद है घूमना-फिरना


घूमना-फिरना पसंद सभी को है, फिर भी नहीं जाते। कभी ऑफिस का बिजी शेड्यूल, तो कभी घर की परेशानी। कभी फ्यूचर की टेंशन, तो कभी हेल्थ प्रॉब्लम। इसका एक कारण इसे समय की बर्बादी या मनोरंजन का जरिया भर मानना भी है। लेकिन कई रिसर्च बताते हैं कि घूमने-फिरने से फिजिकली और मेंटली फिट रहते हैं। 

यह फैमिली रिलेशन में मज़बूती भी लाता है, फिर वह किसी रिश्तेदार के यहां कुछ दिनों की छुटि्टयां हों या किसी एक्टिविटी में हिस्सा लेना। इन फायदों पर गौर कीजिए और इस गर्मी बनाइए ट्रिप का प्लान।

व्यक्तित्व निखार

बॉडी को फिट बनाने के लिए हम कसरत करते या जिम जाते हैं। लेकिन यह फायदा घूमने वालों को ऐसे ही मिल जाता है। ट्रैवलिंग की भागदौड़, एक्टिविटीज में की जाने वाली मेहनत और मौज-मस्ती जहां शरीर को चुस्त बनाती है, वहीं सुकून की नींद लेने से बॉडी को आराम मिलता है। 1,400 लोगों पर किए गए एक रिसर्च में सामने आया कि जिन लोगों ने अपना ज्यादा टाइम घूमने-फिरने में बिताया उनके बॉडी मास इंडेक्स और कमर की मोटाई में कमी आई।

Other benefits:

लम्बी उम्र, कार्यकुशलता, मजबूत रिश्ते, दिनचर्या में सुधार, नई सोच 

 पाएं लम्बी उम्र 
ट्रैवलिंग से उम्र का सम्बंध! शायद यह अजीब लगे, लेकिन सच है। फ्रेमिंघम हार्ट स्टडी के तहत महिलाओं पर किए गए एक शोध का निष्कर्ष है कि उन महिलाओं को हृदयाघात या दिल सम्बंधी बीमारी की आशंका अधिक होती है, जो कम घूमना-फिरना करती हैं। साल में कम से कम दो बार घूमना महिलाओं में दिल की बीमारियों की संभावनाओं को कम करता है।


बढ़ेगी कार्यकुशलता 

हमें लगता है कि छुटि्टयां मनाकर घर आ गए और बस हो गया। जबकि ऐसा नहीं है, इसके फायदे लम्बे समय तक बने रहते हैं, जो कार्यकुशलता को बढ़ाते हैं। विएना यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में सामने आया कि जिन लोगों ने अधिक घूमना-फिरना किया, वे अधिक समय तक तनाव से दूर रहे। साथ ही उनमें सिरदर्द, कमरदर्द, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी कम देखने को मिलीं। 


दिनचर्या में सुधार

एयर न्यूज़ीलैंड द्वारा कराया गया सर्वे बताता है कि व्यक्ति को बेहतर नींद का फायदा सिर्फ घूमने के दौरान नहीं, बल्कि बाद में भी मिलता है। ट्रैवलिंग बॉडी की जैविक घड़ी को रीसेट कर सकती है। सर्वे में शामिल लोगों के हाथों पर एक उपकरण बांधा गया जिसने उनकी नींद की अवधि व गुणवत्ता को ट्रिप जाने से पहले, उस दौरान व बाद में जांचा। यह देखा गया कि लोगों ने ट्रिप के दौरान सामान्य से एक घंटा अधिक नींद ली व घर पहुंचकर भी 20 मिनट अधिक आराम करने लगे। सर्वे के रिजल्ट में यह भी सामने आया कि छुट्टियों ने नींद को बिगाड़ने वाली आदतों- सोने से पहले लैपटॉप चलाने, कार्य करने, टीवी देखने को कम कर दिया। 

बेहतर ज़िंदगी, मज़बूत रिश्ते


परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का इससे बेहतर और क्या उपाय हो सकता है। एक साथ बाहर निकलने से एक-दूसरे के करीब रहने व समझने का मौका भी मिलता है। इससे रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव और भी मजबूत होता है। 

मिलेगी नई सोच 


इंटरनेट या किताबों से दुनिया जानना और बाहर जाकर स्वयं महसूस करना दो अलग बातें हैं। अब पहाड़ पर चढ़ने की कठिनाई या तेज लहरों का रोमांच किसी किताब, यूट्यूब या टीवी पर थोड़े ही मिलेगा। ऐसे में कई बार हमारी छिपी हुई प्रतिभा भी उजागर होती है।

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