Monday 16 May 2016

ये है दुनिया का सबसे नया देश....यहां कोई टैक्स नहीं होगा. कोई सेना नहीं होगी...


दुनिया के इस सबसे नए देश को लेकर काफी गहमागहमी है. कोई टैक्स नहीं होगा. कोई सेना नहीं होगी. नेताओं को लिमिटेड छूट है. सिर्फ जनता की आजादी के ख्याल से तैयार हुआ है लिबरलैंड.

लिबरलैंड में आपका स्वागत है. कुछ ही महीनों पहले देश का जन्म हुआ है. सात किलोमीटर के दायरे में फैला यह देश कई वजह से सुर्खियों में है. पहला विवाद तो इसकी मान्यता से जुड़ा है. लेकिन इससे आगे बढ़ते हुए ताजा खबर ये है कि यहां सरकार कोई टैक्स नहीं लगाएगी. लोग अपना टैक्स खुद तय कर करेंगे. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या हमें भी यहां रहने की जगह मिलेगी...

कहां है लिबरलैंड. 
डेन्यूब नदी के पश्चिमी तट पर सर्बिया और क्रोएशिया के बीच 7 वर्ग किमी का ऐसा क्षेत्र है जिसे दोनों देशों में से कोई भी अपनी सीमा में नहीं मानता. चेक नागरिक विट जेडलिका ने उसी जमीन पर 13 अप्रैल 2015 को नया देश घोषित कर दिया. इसी नए देश का नाम उन्होंने लिबरलैंड रखा है. इसका राष्ट्रीय मोटो है जिओ और जीने दो. क्षेत्रफल के हिसाब से लिबरलैंड वैटिकन सिटी और मोनैको से बड़ा है. यहां की आधिकारिक भाषा चेक और अंग्रेजी है. इस देश ने फैसला किया है कि वैटिकन की तरह वह भी अपनी कोई सेना नहीं रखेगा.

कहां से आया विचार 
विट जेडलिका, चेक गणराज्य के मेंबर ऑफ़ कंजरवेटिव पार्टी फॉर फ्री सिटिज़न के सदस्य हैं. चेक गणराज्य में अक्सर राजनीति के दौरान जब वो एक टैक्स फ्री कानून की वकालत करते, हमेशा उन्हें मजाक में एक नया देश बना लेने की सलाह दे दी जाती थी. इसलिए जब इन्हें पड़ोस में एक ऐसे भूभाग का पता लगा जिस पर किसी भी देश का नियंत्रण में नहीं था, उन्होंने एक नए देश के रूप में घोषणा कर दी. उन्होंने अपने आप को इस देश का राष्ट्रपति भी घोषित कर दिया है. फिलहाल क्रोएशिया और सर्बिया दोनों ने ही लिबरलैंड से लगी अपनी सीमा से आवाजाही बंद कर दी है.

पांच हजार लोगों को ही था न्यौता
विट जेडलिका ने तो शुरुआत में केवल 5 हजार लोगों से ही लिबरलैंड का नागरिक बनने के लिए अनुरोध किया था. जब ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गए तो शुरुआत में नागरिक बनने के इच्छुक लोगों की संख्या 1.60 लाख तक पहुंच गई. और अब तो ये करीब ढाई लाख हो चुकी है. लिबरलैंड की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कम्युनिस्टों, नाजियों और चरमपंथियों को छोड़ कोई भी लिबरलैंड का नागरिक बन सकता है. नागरिकता देने का आधार भी यही होगा.

लिबरलैंड का संविधान 
इस नए देश की स्थापना करने वालों का उद्देश्य एक ऐसा देश बनाना है जहाँ ईमानदार लोग सरकारों के गैरजरूरी टैक्स के बोझ से मुक्त रहकर समृद्ध हो सकें." संविधान के अनुसार लिबरलैंड के सभी नागरिक वैयक्तिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं. इसके लिए संविधान में यह व्यवस्था की गई है कि नेताओं की शक्तियां सीमित रहें ताकि वे लोगों की स्वतंत्रा में ज्यादा हस्तक्षेप न कर सकें.

सिर्फ नार्वे से समर्थन मिला
आमतौर पर, किसी भी आधुनिक देश बनने की चार शर्ते होती हैं: एक निश्चित सीमा रेखा, नागरिक, एक सुचारू रूप से चलने वाली सरकार और अंतरराष्ट्रीय मान्यता. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी किसी भी देश ने लिबरलैंड को मान्यता नहीं दी है. लेकिन नॉर्वे ने इस नए बने देश को समर्थन जरूर दिया है. ऑस्ट्रिया से भी इस बारे में बातचीत सकारात्मक रही है.

फिलहाल सिर्फ वर्चुअल देश 
क्रोएशिया और सर्बिया की आपत्ति के साथ-साथ दूसरे देशों से भी अभी मान्यता प्राप्त न होने की वजह से अभी यह देश वर्चुअल रूप में ही अस्तित्व में है, और इसके राष्ट्रपति अपने बनाए देश की सीमा में जाने के लिए दो बार क्रोएशिया में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. विट जेडलिका के अनुसार जल्द ही ऑनलाइन चुनाव करवाकर एक वास्तविक सरकार चुनी जाएगी. लिबरलैंड के नाम से बने फेसबुक पेज को अबतक 15 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं.  

लिबरलैंड की बात फिलहाल पूरी तरह से प्रतीकात्मक हो सकती है, फिर भी ये नागरिकों की स्वतंत्रता के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है. इस बात की कल्पना कीजिये कि लोगों के अधिकारों के लिहाज से पूरी तरह से एक मुक्त राष्ट्र की अवधारणा सच में बदलने वाली है.


                                   Like TRIP BUNK for exploring new places
                       


No comments:

Post a Comment