हिमाचल की मां ज्वाला के बारे में कुछ और मान्यता है। कहा जाता है कि अकबर ने जब मां ज्वालाजी की ख्याति सुनी तो वह भी यहां आ पहुंचा। उसने इस मंदिर को तोड़ने और आग की लपटों को बुझाने की कोशिश की।
लेकिन वह इसमें पूरी तरह नाकाम हुआ। अकबर भी हैरान था। उसने मां की शक्ति को मान लिया और माफी मांगते हुए वापस भी चला गया। इसी तरह कई और राजाओं ने भी मां ज्वाला की लपटों की शक्ति न मानते हुए इसे बुझाने की कोशिश की मगर सभी नाकाम हुए।
आज लोगों की इस मंदिर में इतनी आस्था है कि दूर दूर से लोग यहां आते हैं। मा ज्वाला आग के रूप में हमेशा अपने भक्तों को दर्शन देती है।
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