Saturday 30 April 2016

पर्वत पर चमत्कारी रूप से खुद बनता है ॐ ! हर रोज यहाँ स्नान करने आते हैं देवता



पर्वत की कुछ 6 हजार की ऊंचाई पर पहुंचकर कोई ॐ लिखने का कार्य नहीं करेगा.

साथ ही साथ ना ही यहाँ पर किसी तरह का कोई निर्माण कार्य होगा कि यहाँ ॐ लिखा हुआ दिखे.

असल में अगर आप कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर जाते हैं तो रास्ते में आपको एक जगह ऐसी नजर आएगी जहाँ आपको पहाड़ के ऊपर बर्फ से ॐ लिखा हुआ दिखेगा. यह एक चमत्कार है जो प्राकृतिक रूप से हुआ है.

कुछ लोग कहते हैं कि ॐ का यह चमत्कार साबित करता है कि यह जगह एक आध्यात्मिक जगह है और भगवान शिव यहाँ पर विराजित हैं.

कहाँ है यह पर्वत


ओम पर्वत को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है. आप अगर कैलाश यात्रा पर हैं तो यहाँ से गुजरते वक़्त आपको एक पहाड़ पर ॐ लिखा हुआ दिखता है. ॐ के चिन्ह से आसानी से इस पहाड़ को पहचाना जा सकता है. इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा.

यह पर्वत तिब्बत की सीमा के पास है इसलिए तिब्बत से काफी संख्या में पर्यटक इसको देखने आते हैं. यह स्थान धारचूला के निकट है.

इस पर्वत पर है देवताओं का वास
पर्वत के ऊपर देवताओं का वास बताया जाता है. अदृश्य रूप में यहाँ बहुत से देवता ध्यान में लीन है. इस पहाड़ पर पहुंचना मुश्किल कार्य है. इसलिए अधिकतर लोग इसे मात्र नीचे से ही देखते हैं. हिन्दू धर्म के अलावा तिब्बती लोगों के लिए भी यह पर्वत आस्था का स्थान है.

झील पर प्रतिदिन देवता आते हैं

जैसा कि सभी जानते हैं कि कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान है जहाँ पर आज भी शिव बैठे हुए माने जाते हैं. अगर कैलाश की मान्यता की बात करें तो सभी हिन्दू लोगों का सपना होता है कि वह एक बार यहाँ जरूर जाकर अपने जीवन का उद्देश्य पूरा करें.

मानसरोवर पर कई सारे ताल हैं. इनमें से कुछ तो इंसान के लिए बंद हैं. जहाँ पर जाना प्रतिबंधित है किन्तु कुछ ताल इंसानों के लिए खुले हुए हैं.

ऐसे ही एक ताल सुन्दर सरोवर यहाँ की मान्यता है कि सुबह लगभग 2 से 4 के बीच यहाँ पर देवतागण स्नान करने आते हैं. वैसे कैलाश मानसरोवर स्थान को देवताओं का ही वास स्थान बताया जाता है. आज भी कई सारे देवता यहाँ पर ध्यान लीन हैं.

तो अगर कभी आपको यहाँ जाने का मौका प्राप्त हो तो ॐ पर्वत को एक बार जरूर देखें जो साबित करता है कि यहाँ पर शिव हैं.


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