Monday, 25 April 2016

दिल्ली में यहा हैं भूतों का बसेरा....


दिल्ली की 10 डरावनी जगह | 10 Haunted Places in Delhi to see दिल्ली की 10 डरावनी जगह | 10 Haunted Places in Delhi to see आइए जानते है दिल्ली की उन 10 जगहों के बारे में जिनके बारे में माना जाता है की यहाँ पर आज भी भूतों, आत्माओं (Spirits) या कोई अदृश्य शक्तियो (Invisible Powers) का निवास है। इन जगहों पर रात में जाने की हिम्मत बहुत कम लोग ही जुटा पाते है। 

 1. दिल्ली कंटोनमेंट (Delhi Cantonment) Delhi Cantonment 
जिसे कि सामान्यतया Delhi Cant कहा जाता है कि स्थापना ब्रिटिश – इंडियन आर्मी (British – Indian Army) ने कि थी। यह पूरा इलाका एक छोटे से जंगल की तरह दिखाई देता है जिसमे चारो तरफ हरे भरे पेड़ो है। कहा जाता है कि दिल्ली केंट में सफेद लिबाज (White Clothes) पहने एक महिला लोगों से लिफ्ट मांगती है। अगर आप आगे निकल जाते हैं तो यह महिला कार के जितना तेज भाग कर पीछा करती है। बहुत से लोगो ने उसको देखे जाने की पुष्टि की है। हालांकि आज तक किसी इंसान को नुक्सान पहुचाने की कोई खबर नहीं है। लोगो का कहना है शायद से किसी महिला ट्रेवलर (Traveler) की आत्मा है जिसकी मृत्यु इसी इलाके में हुई हो। 

 2.फिरोज शाह कोटला किला (Feroz Shah Kotla Fort) 1354 में फिरोज शाह तुगलक ( Feroz Shahs Tuglak) 
द्वारा बनवाया गया यह किला आज खंडहर हो चुका है। आसपास की लोगों की मानें तो हर गुरुवार (Thursday) यहां मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलती दिखती है। और तो और, अगले दिन किले के कुछ हिस्सों में कटोरे में दूध (Milk) और कच्चा अनाज भी रखा मिलता है। ऐसा अक्सर होता रहा है, जिसके चलते किले की पहचान अब भूतों के किले के रूप में होने लगी है। 

 3. खूनी नदी, रोहिणी (Khooni Nadi, Rohini) 
रोहिणी के कम शोर गुल वाले इस इलाके में यूं भी कम लोग आते हैं। नदी के आसपास कोई नहीं जाता है। कारण, नदी के किनारे लाश मिलना। हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना कारण चाहे जो हो, यहां नदी किनारे लाशें मिलना आम बात हो गई है। यही कारण है कि लोग इसे डरावनी जगहों में शुमार करते हैं। 

 4. मालचा महल (Malcha Mahal) मालचा महल दिल्ली ( Malcha Mahal, Delhi)
के दक्षिण रिज़ के बीहड़ो में छुपा है। इसका निर्माण आज से 700 साल पहले फ़िरोज़ शाह तुगलक ( Feroz Shah Tuglak) ने करवाया था। वो इसे अपनी शिकारगाह के रूप इस्तमाल करते थे। यह महल पिछले कई सदियों से वीरान रहने के कारण खंडहर हो चुका था। इस खंडहर हो चुके महल में 1985 में, अवध घराने की बेगम विलायत महल अपने दो बच्चो, पांच नौकरो और 12 कुत्तो के साथ रहने आई। इस महल में आये बाद वो कभी इस महल से बाहर नहीं निकली। इसी महल में बेगम विलायत खान ( Begam Vilayat Khan) ने 10 सितम्बर 1993 को आत्महत्या कर ली थी। कहते है की बेगम की रूह आज भी उसी महल में भटकती है। 

5. म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट (Mutiny House, Kashmiri Gate)
यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था। हां, यादें और साए अभी भी इस इमारत के आसपास रहते हैं। इसलिए इसे डरावना माना जाता है। 

6. भूली भतियारी का महल, झंडेवालान (Bhuli Bhatiyari ka Mahal) 
यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश (Tuglak Vansh) का शिकारगाह हुआ करता था। इस महल का नाम “भूली भतियारी”, इसकी देखभाल करने वाली महिला के नाम पर पड़ा है। अंधेरा होना के बाद यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। अक्सर सुनाई देने वाली अजीबोगरीब आवाजें यहां माहौल को और डरावना बना देते हैं। 

7. संजय वन (Sanjay Van) 
10 किमी क्षेत्रफल में फैले इस इलाके में बच्चों की आत्माएं ( Spirits) दिखने के दावे किए गए हैं, जो अक्सर खेलते रहते हैं। अंदर से यह वन घना और डरावना भी है। 8. करबला कब्रिस्तान (Karbala Graveyard) जैसा नाम, वैसा कब्रिस्तान। फिल्मी कब्रिस्तान की तरह यहां भी साये दिखने और उनकी हरकतों के गवाह है आसपास के लोग। 

9. जमाली-कमाली का मकबरा और मस्जिद, महरौली, (Jamali Kamali Tomb & Mosque) 
यह मस्जिद दिल्ली के महरौली में स्थित है। यहां सोलवहीं शताब्दी (Sixteenth Century) के सूफी संत जमाली और कमाली (Sufi Sant Jamali and Kamali) की कब्र मौजूद है। इस जगह के बारे में लोगों का विश्वास है कि यहां जिन्न रहते हैं। कई लोगों को इस जगह पर डरावने अनुभव हुए हैं। सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे। इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई। माना जाता है कि जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के राज के दौरान पूरा किया गया। मकबरे में दो संगमरमर की कब्र हैं, एक जमाली की और दूसरी कमाली की। जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण 1528-29 में किया गया था। यह मस्जिद लाल पत्थर और संगमरमर से बनी है। 

10. खूनी दरवाजा (Khuni Darwaza)
यहीं बहादुर शाह जफर ( Bahadur Shah Zafar) के तीन बेटों को अंग्रेजों ने मार डाला था। कहते हैं, तभी से तीनों शहज़ादे इसी इलाके में साया बनकर मौजूद रहते हैं।

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