Saturday, 30 April 2016

विश्‍व भर में एक मात्र यही चलती है हैंगिंग ट्रेन


जब घुमने की बात चलती है तो कभी कभी मन कुछ अलग देखना चाहता है। वो जो बहुत खास हो । इसी कडी में हम आपको ले चलते है एक आश्चर्य की सैर पर। दुनियां भर में जर्मनी में ही एक ऐसी रेल सेवा है जिसकी ट्रेनें
लटक के चलती हैं। यह रेल सेवा काफी पुरानी है और इसकी शुरुआत 1901 में ही हो गई थी।
जर्मनी के वुप्पर्टल इलाके में चलाई जाने वाली इन ट्रेनों में रोज करीब 82 हजार लोग ट्रैवल करते हैं। दिलचस्प ये है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इस ट्रेन की किसी दूसरे देश या शहर में नकल नहीं की गई। इसमें सफर करना एक रोमांच से कम नहीं है।

मात्र एक बार हुआ है हादसा

एक रिपोर्ट के मुताबिक हैंगिंग ट्रेन सिर्फ एक बार गंभीर हादसे की शिकार हुई है। 1999 में हुई दुर्घटना में ट्रेन वुप्पर नदी में गिर गई थी जिसमें 5 लोग मारे गए थे और करीब 50 घायल हो गए थे।
इसके अलावा 2008 और 2013 में भी मामूली दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन उसमें किसी की मौत नहीं हुई। हैंगिंग ट्रेन के ट्रैक की लंबाई 13.3 किलोमीटर है और यह नदी से 39 फीट ऊपर चलती है। ट्रेन के रुकने के लिए 20 स्टेशन बनाए गए हैं। ट्रेन बिजली से चलती है।

क्यों चलाई गई हैंगिंग ट्रेन

इस ट्रेन के हैंगिंग होने की वजह ये है कि वुप्पर्टल शहर 19वीं शताब्दी के अंत तक अपने औद्यौगिक विकास के चरम पर पहुंच गया था। सड़कें तो थी, लेकिन सामान ढोने के लिए और पैदल चलने वाले लोगों के लिए। वहां पर जमीन पर चलने वाली ट्रामें चलानी मुश्किल थी।

पहाड़ी इलाका होने की वजह से अंडरग्राउंड रेल भी नहीं चलाई जा सकती थी। इसी स्थिति में कुछ इंजीनियरों से हैंगिंग ट्रेन चलाने का फैसला किया। इसे दुनिया की सबसे पुरानी मोनो रेल में से एक भी माना जाता है।

हैंगिंग ट्रेन के अलावा भी जर्मनी में कई बेहतरीन पर्यटक स्थल है जहां आप छुट्टी या समय बिता सकते हैं।  
     
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सागरों का संगम है यह जगह पहुंचते हैं लाखों टूरिस्ट


भारत के दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी हमेशा से ही टूरिस्ट्स की फेवरेट जगह रही है। हर साल कन्याकुमारी पहुंचने वाले देसी-विदेशी टूरिस्टों की संख्या लगभग 20 से 25 लाख के बीच रहती है। तमिलनाडु में स्थित कन्याकुमारी पहले केप कोमोरन के नाम से जाना जाता था। ये एक शांत शहर है। शहर का नाम देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा है। जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना गया है। यह जगह चोला, चेरा, पण्ड्या और नायका राज्यों का घर रहा है। कला और धर्म-संस्कृति का पुराना गढ़ है। कन्याकुमारी में तीन समुद्रों-बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का मिलन होता है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।

कन्याकुमारी में देखने लायक बहुत सारे स्थान हैं.

विवेकानंद स्मारक : समुद्र के बीच में इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। यहां उनकी विशाल आदमकद मूर्ति है। इसी के पास एक दूसरी चट्टान पर तमिल के संत कवि तिरूवल्लुवर की 133 फीट ऊंची मूर्ति है।

कुमारी अम्मन देवी के मंदिर में देवी पार्वती के कन्या रूप को पूजा जाता है। मंदिर 3000 साल से भी पुराना है। मंदिर को भगवान परशुराम ने स्थापित किया था।

महात्मा गांधी के अस्थि-अवशेषों को जिन कलशों में भरकर देश भर की पवित्र नदियों में प्रवाहित किया गया था, उनमें से एक कलश यहां पर रखा गया था। स्मारक की संरचना मंदिर, मस्जिद और चर्च के मिले-जुले आकार वाली है।

सनराइज और सनसेट 

कन्याकुमारी अपने सनराइज के के लिए काफी फेमस है। सुबह हर होटल की छत पर सैलानियों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है। शाम को अरब सागर में डूबते सूरज को देखना भी यादगार होता है।

कब जाएं
यहां सालभर गर्मी रहती है इसलिए कभी भी जाया जा सकता है। बारिश में यहां का नजारा अलग ही होता है। दिसंबर-जनवरी में भी यहां कई बार एयरकंडीशन की जरूरत पड़ जाती है

कैसे पहुंचें
कन्याकुमारी देशभर से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है। नजदीकी विमानतल त्रिवेंद्रम है. जो यहां से करीब 80 किमी दूर है

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पर्वत पर चमत्कारी रूप से खुद बनता है ॐ ! हर रोज यहाँ स्नान करने आते हैं देवता



पर्वत की कुछ 6 हजार की ऊंचाई पर पहुंचकर कोई ॐ लिखने का कार्य नहीं करेगा.

साथ ही साथ ना ही यहाँ पर किसी तरह का कोई निर्माण कार्य होगा कि यहाँ ॐ लिखा हुआ दिखे.

असल में अगर आप कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर जाते हैं तो रास्ते में आपको एक जगह ऐसी नजर आएगी जहाँ आपको पहाड़ के ऊपर बर्फ से ॐ लिखा हुआ दिखेगा. यह एक चमत्कार है जो प्राकृतिक रूप से हुआ है.

कुछ लोग कहते हैं कि ॐ का यह चमत्कार साबित करता है कि यह जगह एक आध्यात्मिक जगह है और भगवान शिव यहाँ पर विराजित हैं.

कहाँ है यह पर्वत


ओम पर्वत को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है. आप अगर कैलाश यात्रा पर हैं तो यहाँ से गुजरते वक़्त आपको एक पहाड़ पर ॐ लिखा हुआ दिखता है. ॐ के चिन्ह से आसानी से इस पहाड़ को पहचाना जा सकता है. इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा.

यह पर्वत तिब्बत की सीमा के पास है इसलिए तिब्बत से काफी संख्या में पर्यटक इसको देखने आते हैं. यह स्थान धारचूला के निकट है.

इस पर्वत पर है देवताओं का वास
पर्वत के ऊपर देवताओं का वास बताया जाता है. अदृश्य रूप में यहाँ बहुत से देवता ध्यान में लीन है. इस पहाड़ पर पहुंचना मुश्किल कार्य है. इसलिए अधिकतर लोग इसे मात्र नीचे से ही देखते हैं. हिन्दू धर्म के अलावा तिब्बती लोगों के लिए भी यह पर्वत आस्था का स्थान है.

झील पर प्रतिदिन देवता आते हैं

जैसा कि सभी जानते हैं कि कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान है जहाँ पर आज भी शिव बैठे हुए माने जाते हैं. अगर कैलाश की मान्यता की बात करें तो सभी हिन्दू लोगों का सपना होता है कि वह एक बार यहाँ जरूर जाकर अपने जीवन का उद्देश्य पूरा करें.

मानसरोवर पर कई सारे ताल हैं. इनमें से कुछ तो इंसान के लिए बंद हैं. जहाँ पर जाना प्रतिबंधित है किन्तु कुछ ताल इंसानों के लिए खुले हुए हैं.

ऐसे ही एक ताल सुन्दर सरोवर यहाँ की मान्यता है कि सुबह लगभग 2 से 4 के बीच यहाँ पर देवतागण स्नान करने आते हैं. वैसे कैलाश मानसरोवर स्थान को देवताओं का ही वास स्थान बताया जाता है. आज भी कई सारे देवता यहाँ पर ध्यान लीन हैं.

तो अगर कभी आपको यहाँ जाने का मौका प्राप्त हो तो ॐ पर्वत को एक बार जरूर देखें जो साबित करता है कि यहाँ पर शिव हैं.


कम खर्च में घूमना चाहते है विदेश तो इन देशों को चुनिए


अगर आप घुमक्कड़ है और अपने आस पास की सभी जगह घूम चुके है और कहीं दूर “सात समंदर पार” जाना चाहते है लेकिन जेब की तरफ देखकर फिर निराश हो जाते है तो आइये आज हम आपको बताते है आपके सबसे सस्ते इंटरनेशनल टूर जो आपके बजट में आ जायेगे।

भूटान

गांवों के देश भूटान से अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं जहां के लोग सादगी पसंद हैं। बुद्ध के विचारों को आप यहां के हवा में अब भी महसूस कर पाएंगे। यहां आप बस से भी जा सकते हैं।

रोड ट्रिप- बस का किराया 1900 रुपये है। 1900 रुपये और 5 घंटे में भारत से भूटान पहुंचा जा सकता है।

स्टे- 500 रुपये में अच्छे होटल मिल जाएंगे। 6 दिन और पांच रातों के लिए बुक करा लीजिए।

खाना- 480 रुपये में दो लोग पेट भर कर खाना खा सकते हैं।

घूमने की जगह- पारो, थिम्पू, पुनाखा, मंदिर , फार्म हाउस, तकिन ज़ू और फोल्क हैरिटेज म्यूजियम।

ट्रिप बजट- 35000 रुपये।

2. सिंगापुर

शहरों का शहर, ऐसा देश है सिंगापुर, जहां आप शॉपिंग कर सकते हैं, नाइट लाइफ और पार्टी का मजा उठा सकते हैं, स्पोर्टस खेल सकते हैं। सबसे अच्छा यहां अपने जिंदगी का सबसे पहला कसिनो देख सकते हैं जिसे अब तक केवल टीवी और फिल्मों में देखा है।

फ्लाइट फेयर- 27,877 रुपये।

स्टे- 2 से 4 हजार एक रात के। 4 दिन के लिए कोई भी होटल बुक कराइए।

घूमने की जगह- नेशनल म्यूजियम ऑफ सिंगापुर, अंडरवाटर वर्ल्ड, डॉलफिन लगुन।

ट्रिप बजट- 55 से 60 हजार।

3. वियतनाम

दक्षिणपूर्व एशिया में स्थित छोटा सा देश जिसने अमेरिका जैसे ताकतवर देश को युद्ध में झुकने के लिए मजबूर कर दिया। यहां के हवाओं में अजीब सी रुमानियत है जो आपको अंदर तक शांत ही नहीं, संतुष्ट भी कर देगी।

फ्लाइट फेयर- 16 हजार रुपये में 4 महीने के बाद की फ्लाइट बुक करा सकते हैं।

स्टे- 400 से 700 रुपये एक रात के अनुसार। किसी भी होटल में पांच दिन और चार रातों के लिए बुक करा लें।

घूमने की जगह- हनोई, हा लॉन्ग वे, न्हा ट्रैंग, हो ची मिन सिटी।

ट्रिप बजट- 40,000 रुपये

4. चीन

अगर शहरों का मजा लेना है तो चीन जरूर जाना। यह देश के विकसित होने का एक कारण यह भी है कि यहां शहर बहुत ही तेजी से बस रहे हैं।

फ्लाइट फेयर- 17,000 रुपये।

स्टे- बीजिंग के किसी भी अच्छे होटल में 500 रुपये पर नाइट के हिसाब से 5 दिन के लिए बुक करा सकते हैं।

घूमने की जगह- चीन की दीवार, शंघाई बंड्स, फोरबिडेन सिटी, टेराकोटा आर्मी, वेस्ट लेक।

ट्रिप बजट- 40,000 रुपये।

5. श्रीलंका

यह बेस्टपैकिंग डेस्टिनेशन के नाम से ही घुम्मकड़ों के बीच जानी जाती है। यह बिल्कुल भारत की तरह है, जहां आपको घर वाली फीलिंग होगी कुछ अच्छे बदलावों के साथ।

फ्लाइट फेयर – दिल्ली से 20,000 रुपये और चेन्नई से 8,000 रुपये।

स्टे- 600 से 1,000 रुपये में एक रात के अनुसार अच्छे होटल मिलते हैं। पांच दिन और चार रात काफी है श्रीलंका अच्छे से घूमने के लिए।

घूमने की जगह- कोलम्बो, केंडी, नुवारा इल्लैया, टीफैक्ट्री, सीथा इल्लैया गार्डेन।

ट्रिप बजट- 35,000 रुपये।

6. थाइलैंड

बीच, माउंटेन, खूबसूरत नजारें और स्वादिष्ट खानें का मजा लेना है तो थाइलैंड जरूर जाएं।

फ्लाइट फेयर- 17,000 से 20,000 रुपये।

स्टे- 600 रुपये पर नाइट के हिसाब से अच्छे होटल मिलते हैं। 6 दिन काफी हैं थाइलैंड घूमने के लिए।

घूमने की जगह- बैंकॉक, पट्टाया, कोरल आईलैंड, प्राचीन बैद्ध मंदिर, फ्लोटिंग मार्केट।

ट्रिप बजट- 35,000 रुपये।

7. इंडोनेशिया

प्रकृति की खूबसूरती को निहारने का मन है तो चलें इंडोनेशिया।

फ्लाइट फेयर- 25,000 रुपये।

स्टे- 700 रुपये में एक रात के अनुसार अच्छे होटल मिलते हैं। 5 दिन और चार रातों के लिए बुक करा लें।

घूमने की जगह- बाली, जावा, जकार्ता, सुमात्रा यहां के नाम शहर हैं। वोल्केनो टूर जरूर करना।

ट्रिप बजट- 45,000 रुपये।

8. मलेशिया

गर्मी में अगर कहीं सस्ते में अच्छे मौसम का मजा लेना है तो मलेशिया मजे करने के लिए बेस्ट है।

फ्लाइट फेयर- 20,000 रुपये।

स्टे- कुलालंपुर में 500 रुपये में एक रात के अनुसार अच्छे होटल मिलते हैं।

घूमने की जगह- जेंटिंग हिल, बाटु केव्ज, पेट्रोनॉस ट्विन टॉवर, पेनॉग, मलक्का।

ट्रिप बजट- 40,000 रुपये।

9. हांगकांग

ये शहर कभी नहीं सोता। सबसे अच्छी बात, यहां वीज़ा की भी झंझट नहीं होती।

फ्लाइट फेयर- 27,000 रुपये।

स्टे- 700 रुपये में अच्छे होटल मिलते हैं।

घूमने की जगह- हॉन्ग कॉन्ग म्यूजियम ऑफ आर्ट, ड्रैगन्स बैक ट्रैल, डिजनीलैंड, क्लॉक टॉवर।

ट्रिप बजट- 40,000 रुपये।

10. म्यांमार

एक और पड़ोसी देश जो बर्मा के नाम से भी जाना जाता है। इस देश की सादगी आपको आंदर तक शांत कर देगी।

फ्लाइट फेयर- 20 से 22 हजार रुपये।

स्टे- एक रात के अनुसार 600 रुपये में अच्छे होटल मिलते हैं।


घूमने की जगह- पूरा देश ही सुंदर और बेस्ट है। लेकिन रंगून और बगान जरूर घूमना।

ट्रिप बजट- 35,000 रुपये।

कम खर्च में घूमना चाहते है विदेश तो चुनिए इन 12 देशों को

11. कतर

गल्फ कंट्री की सुंदरता देखनी है तो कतर का रुख जरूर करें। अरब देशों में बेस्ट है।

फ्लाइट फेयर- 17,000 रुपये।

स्टे- 9 से 10 हजार में 5 दिन के लिए अच्छा सो होटल आप अपने लिए बुक करवा सकते हैं।

घूमने की जगह- बीच, खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम, एक्वा पार्क, इस्लामिक कल्चर सेंटर, म्यूज़ियम ऑफ इस्लामिक आर्ट। यहां से कैमल राइड का मजा लिए बिना मत लौटिएगा।

ट्रिप बजट- 40,000 हजार रुपये।

12. लेबनान

दुनिया के सबसे पुराने देशों में से एक, जिसका इतिहास काफी समृद्ध है।

फ्लाइट फेयर- 23,000 रुपये।

स्टे- हजार रुपये में एक तार के अनुसार अच्छे होटल मिलते हैं। 5 रात काफी हैं लेबनान घूमने के लिए।

घूमने की जगह- नेशनल म्यूजियम ऑफ बैरत, अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बैरत, कदिशा वैली, म्यूजिक हॉल।

ट्रिप बजट- 45,000 रुपये।

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रंगीलो राजस्थान का दिल जोधपुर


प्रसिद्ध है। यहां ऊंट की सवारी कर सकते हैं। इसके अलावा, मछिया सफारी पार्क, कायलाना लेक भी दर्शनीय स्थल हैं। पाली में सोमनाथ और नौलखा मंदिर शिल्पकला के लिए मशहूर हैं। उर्स के दौरान मीर मस्तान की दरगाह मुख्य आकर्षण होता है।

जोधपुर शहर फोर्ट, पैलेस और मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन एडवेंचर स्पोट्र्स और खाने-पीने के शौकीनों को भी यह शहर खूब आकर्षित करने लगा है। रंग-बिरंगे परिधान में सजे लोग और उनकी मनमोहक लोक-नृत्य व संगीत इस शहर की समां में चार-चांद लगा देते हैं। यह राजस्थान के बीचोंबीच स्थित है, इसलिए इसे राजस्थान का दिल भी कहा जाता है। राठौड़ वंश के प्रमुख राव जोधा ने इस शहर की स्थापना वर्ष 1459 में की थी। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जोधपुर है। यह शहर सन सिटी और ब्लू सिटी के नाम से भी मशहूर है। इसे सन सिटी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां की धूप काफी चमकीली होती है। वहीं, मेहरानगढ़ किला

के आसपास नीले रंग से पेंट घरों के कारण इसे ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

उमेद भवन पैलेस

जोधपुर जाने वाले पर्यटकों में उमेद भवन पैलेस के प्रति एक खास आकर्षण होता है। महाराजा उमेद सिंह (1929-

1942) ने इसे बनवाया था। दरअसल, यह दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट रेजिडेंस में से एक है। इसमें तकरीबन 347 कमरे हैं। महल की खासियत है कि इसे बलुआ पत्थरों से जोड़ कर बनाया गया था। इस बेजोड़ महल के वास्तुकार हेनरी वॉन थे। महल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि बाकी हिस्से को म्यूजियम का रूप दे दिया गया है, जिसमें राजघराने से जुड़ी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।

मेहरानगढ़ किला

जोधपुर जाएं, तो मेहरानगढ़ फोर्ट देखना न भूलें। करीब 150 मीटर ऊंचे टीले पर बना यह किला भारत के सबसे बड़े फोर्ट में से एक है। यहां से जोधपुर शहर का शानदार नजारा दिखाई देता है। इसका निर्माण राव जोधा ने 1459 में करवाया था। यहां पहुंचने के लिए घुमावदार रास्तों और पथरीले टीलों से होकर गुजरना होगा, लेकिन फोर्ट पहुंचने के बाद इसकी भव्यता देखते ही बनती है। इस किले में कई पोल यानी प्रवेशद्वार हैं, जिनमें जयपोल,

फतहपोल और लोहपोल प्रमुख हैं। किले में स्थित महलों को देखने के बाद आपको मेहरानगढ़ की भव्यता का एहसास होगा। उस दौर की राजशाही वस्तुओं व धरोहर भी यहां देखे जा सकते हैं। किले की प्राचीर पर आज भी तोपें रखी हैं। उस काल के अस्त्र-शस्त्र और पहनावे भी यहां देखे जा सकते हैं। यहां फूल महल, झांकी महल भी दर्शनीय हैं। अगर एडवेंचर पसंद है, तो इस किले में जिप-लाइनिंग की व्यवस्था है, जो इंटरनेशनल सेफ्टी स्टैंडर्ड के हैं।

जसवंत थडा

मेहरानगढ़ किले से कुछ ही दूरी पर जसवंत थडा बेहद खूबसूरत स्मारक है। पहाड़ों से घिरे सफेद संगमरमर की बनी इस स्मारक की नक्काशी देखते ही बनती है। इसके पास ही एक झील है, जो चांदनी रात में स्मारक की

खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। यह जोधपुर राजपरिवार के राठौड़ राजा-महाराजाओं का समाधि स्थल भी है।

मंडोर गार्डन

मारवाड़ के महाराजाओं की पहली राजधानी मंडोर थी। यह जोधपुर से करीब 5 मील की दूरी पर स्थित है। यह पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। यहां के दुर्ग देवल, देवताओं की राल, गार्डन, म्यूजियम, महल, अजीत पोल आदि दर्शनीय स्थल हैं। लाल पत्थर की बनी विशाल इमारतें स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने हैं। यहां एक हॉल ऑफ हीरोज भी है, जहां दीवारों पर देवी-देवताओं की आकृतियां तराशी गई हैं।

बालसमंद झील

फोर्ट और पैलेस के अलावा, बालसमंद झील भी दर्शनीय स्थल है। काफी पर्यटक यहां आते हैं। यह जोधपुर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इसे 1159 में बालाक राव परिहार ने बनवाया था। यह कृत्रिम झील है। तीन तरफ पहाड़ियों से घिरी यह झील उमेद भवन की खूबसूरती में चार चांद लगाती है।

कैसे और कब जाएं

जोधपुर शहर से 5 किमी. की दूरी पर घरेलू हवाई अड्डा है। यह शहर दिल्ली से साथ-साथ प्रमुख शहरों से सड़क

और रेल मार्ग से जुड़ा है। जोधपुर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का महीना माना जाता है। जोधपुर और उसके आसपास के स्थान सुकून से देखने के लिए कम से कम 3-5 दिन का समय जरूर रखें।

स्वाद और शॉपिंग

जोधपुर पहुंचने के बाद आप स्थानीय फूड का स्वाद लेना न भूलें। यहां का मिर्च बड़ा, समोसा, मावा कचौड़ी, प्याज की कचौड़ी, दाल-बाटी कोरमा, लाल मानस, गट्टे की सब्जी और मखनिया लस्सी सहित कई व्यंजन फूड प्रमियों को लुभाते हैं। अगर बात शॉपिंग की करें, तो क्लॉक टावर के आसपास वाले मार्केट में खरीदारी कर सकते

हैं। इसके अलावा, त्रिपोलिया बाजार, मोची बाजार, नई सड़क सोजाती गेट, स्टेशन रोड प्रमुख हैं।

यहां हस्तशिल्प, कपड़े, मसाले, ज्वैलरी, कढ़ाई वाले जूते, चमड़े की वस्तुएं आदि खरीद सकते हैं। यहां के लोग आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजे हुए हैं। त्योहार, मेले और उत्सवों में यहां के नृत्य-संगीत समां बांध

देते हैं। खासकर घूमर, तेरह थाली कालबेलिया, फायर डांस, कच्ची घोड़ी जैसे नृत्य लोगों को थिरकने पर

मजबूर कर देते हैं। इनके पहनावों में भी कई रंग दिखता है। पुरुष धोती पर एक अलग तरह की कमीज और

चटख रंग की गोल पगड़ी और पैरों में शानदार जूतियां पहनते हैं। महिलाएं रंग-बिरंगे लहंगे के साथ पारंपरिक

गहनों से लदी होती हैं। खासतौर पर इनके सिर पर बोरला, गले में हार, हाथों में कड़े या कोहनी से ऊपर

हाथी दांत का चूड़ा, पैरों में चांदी का कड़ा या खनकती पायल होती है। खास बात यह है कि यहां के लोग

काफी मिलनसार होते हैं।


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दिल्ली की खुफिया रास्तों की दास्तां


बादशाहों की पसंद दिल्ली की जमीं, कई लड़ाइयों की गवाह बनी। सियासत की इस बिसात पर वे खुद नहीं समझ पाते थे कि कब वे मात खा जाएं। बादशाहों ने अपने बचाव के लिए एक अदद ऐसे रास्ते जरूर तैयार किए, जिससे वे दुश्मनों से बचकर निकल सकें। राजाओं ने अपने शासन में शानदार किले तो बनवाये ही उनमें खुफिया रास्ते भी बनाए। प्रस्तुत है इन्हीं सुरंग नुमा खुफिया रास्तों की सैर :

उन खुफिया रास्तों का जिक्र छिड़ा है जिससे होते हुए कभी बादशाहों ने अपनी जान बचाई होगी या फिर चुपचाप शिकार पर जाने के लिए इन रास्तों का इस्तेमाल किया होगा। सियासत की समझ रखने वाले बादशाहों ने सुरंगें भी बनाई, जिसका जिक्र किताबों में है। हाल ही में दिल्ली विधानसभा में भी सुरंग निकलने का दावा किया गया है। इस बारे में अब शोध हो रहा है लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में सुरंग का जिक्र छिड़ा हो। इससे पहले भी कश्मीरी गेट के पास ऑक्टर्स लोनी के घर में सुरंग मिली थी जिसे बंद कर दिया गया, मौजूदा समय में यहां उत्तरी रेलवे का दफ्तर है। माना जाता है कि यह सुरंग कश्मीरी गेट तक निकलती है। इसके साथ निजामुद्दीन औलिया की दरगाह की बावली में भी एक खुफिया रास्ता होने की बात कही गई है। इसी रास्ते से निजामुद्दीन औलिया बावली में आया करते थे। इस पर काम भी हुआ लेकिन प्रशासनिक तौर पर इसके दस्तावेज नहीं प्राप्त हुए। यही नहीं दिल्ली में सात किलोमीटर लंबी सुरंग होनी की भी बात कही जाती है। यह सुरंग इतनी लंबी और बड़ी बताई जाती है कि इससे बादशाह की फौज घोड़े पर बैठकर भी आराम से निकल सकती थी। बाड़ा हंिदूूराव के पास पीर गायब ऐतिहासिक स्मारक के पास इसके खंडहर से जाकर सुरंग होने की बात किताबों में दर्ज है। यह सुरंग पीर गायब से फिरोज शाह कोटला तक जाती थी। अब इतनी लंबी सुरंग थी या नहीं यह शोध का विषय है।

जानकारों के मुताबिक शहांजहांनाबाद में कई सुरंग थीं, जिसकी जानकारी सिर्फ राजा के चुनिंदा वफादारों तक ही होती थी। सुरंग के कुछ प्रमाण तुगलकाबाद के किले में भी देखे जा सकते हैं। यहां जमीन के अंदर की ओर बने हुए कई रास्ते नजर आते हैं। उस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस किले और सड़क के पार गयासुद्दीन तुगलक के मकबरे के बीच एक सुरंग है। उसकी कब्र के पास कुछ लोहे के ग्रिल लगी हुई हैं। सुरंग का यह रास्ता कब्र की तरफ जाता है। इसी तरह लालकिले को लेकर कई सुरंगों की कहानी है। जाहिर है यह सत्ता का केन्द्र भी रहा। कहा जाता है कि लालकिले के अंदर एक ऐसी सुरंग हुआ करती थी जो चांदनी चौक को यमुना नदी से जोड़ा करती थी। हालांकि इस बारे में यहां के अधिकारी कुछ भी कहने से कतराते हैं। अलबत्ता रंगमहल के पास पीछे एक गेट जरूर है जिससे शाहजहां यमुना नदी में जाया करते थे।

विजयालक्ष्मी सिर्फ कहानियां ही नहीं हकीकत भी है

शाहजहांनाबाद में सुरंग और खुफिया रास्तों की कहानियां सिर्फ कहानियां नहीं हकीकत भी हैं। दिल्ली में 15 शासकों ने राज किया और हर बादशाह ने अपने बचाव के लिए खुफिया रास्ता बनाया। इसके बारे में इतिहास में इसलिए भी ज्यादा तथ्य नहीं क्योंकि अंग्रेजों को इन रास्तों से ही खतरा था इसलिए सबसे पहले उन्होंने सुरंगों और खुफिया रास्तों को नेस्तोनाबूद किया। आज भी अगर इस संबंध में सर्वे किया जाए तो सुरंगों के बारे में ढेर सारी जानकारियां मिल सकती हैं। 1880 के पहले के इतिहासकारों ने अपनी किताबों में भी इसका जिक्र किया है। विलियम डेलरिंपल की किताब ‘सिटी ऑफ जिंस’ में उन्होंने लालकिले में सुरंग होने की बात लिखी है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शहांजहांनाबाद बसाते समय बादशाह ने अपनी सुरक्षा के लिए अपने किले से शहर के बाहर तक सुरंग बनाई थी। लेकिन इस तथ्य के भी सुबूत नहीं मिलते। वजह, कभी किसी ने इस संबंध में शोध करने की कोशिश ही नहीं की। दंत कथाएं जरूरत हैं लेकिन उन कथाओं का आधार भी हो सकता है इस बारे में किसी एजेंसी को खोजने की लालसा नहीं है। लालकिले में भी सुरंगों के बारे में कई कहानियां है। कहा जाता है जब नादिर शाह ने मुगलों पर हमला किया तब उसने पूरी दिल्ली में कत्लेआम मचा रखा था और सिर्फ तीन घंटे में ही मुगलों की फौज को हरा दिया था। तब बादशाह मोहम्मद शाह ने नादिर से मुलाकात करने के लिए खुफिया रास्ते का इस्तेमाल किया था। लालकिले में जिस तरह मेहताब बाग की खोज की जा रही है उसी तरह उन खुफिया रास्तों की भी तह तक जाने की जरूरत है।

मिटा दिया था नामों-निशान

दिल्ली में तुगलकाबाद के किले के अंदर कुछ एक ऐसे तथ्य मिलते हैं जिससे लगता है कि यहां खुफिया रास्ते रहे होंगे। किले के अंदर भूमिगत बाजार होने के सुबूत मिले हैं, क्योंकि उस रास्ते के दोनों तरफ आर्क मिले हैं। ऐसा लगता है कि इस रास्ते में बाजार लगता होगा। इसी तरह कुछ और रास्ते हो सकते हैं जो जमीन के अंदर खुफिया रास्तों का एक चैनल हो।


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वूमन ट्रैवल क्लब सैर दुनिया की...


अगर आपको घूमना पसंद है और दुनिया के हर रंग को करीब से देखने की चाहत है, लेकिन किसी के साथ के इंतजार में अपनी इच्छाएं मन में ही दबाएं बैठी हैं, तो अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आपके सपनों को उड़ान

देने और दुनियाभर में सैर-सपाटा कराने के लिए कई वूमन ट्रैवल क्लब हैं, जिनके अमेजिंग और दिलचस्प ट्रिप्स का हिस्सा सिर्फ महिलाएं ही बनती हैं...

बदलते समय में महिलाओं के लिए ट्रैवल क्लब एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। जिसकी मदद से सिंगल महिलाएं दुनियाभर की सैर का लुत्फ उठा सकती हैं। महिलाएं यात्रा का पूरामजा उठा सकें, इसलिए उनके लिए कई तरह

की एक्टिविटीज और एडवेंचर्स गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है। इसीलिए तो कामकाजी महिलाएं हों या फिर हाउसवाइफ सभी विभिन्न ट्रैवल क्लबों द्वारा चलाए जानेवाले पैकेज का लाभ उठाते हुए अकेले ही

घूम-फिर रही ही हैं।

वैसे, कुछ समय पहले तक खुद को रिफ्रेश रखने या फिर लाइफ में कुछ एडवेंचर ट्राई करने के लिए देश-विदेश की यात्रा करना केवल पुरुषों के लिए ही संभव माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज महिलाओं में भी अकेले ट्रैवल करने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अब अकेले ही निकल पड़ती हैं अपनी जिंदगी के हर लम्हे को जीने के लिए। उनकी यही जिंदादिली उनके भीतर आत्मविश्वास भी बढ़ा रही हैं।

ऐसे में अगर आप चाहें, तो आप भी इन वूमंस क्लब के साथ जुड़कर कोई अमेजिंग ट्रिप प्लान कर सकती हैं।

वूमन ऑन वंडरलस्ट वूमन ऑन वंडरलस्ट यानी वॉव ट्रैवल क्लब समय-समय पर महिलाओं के लिए इंडिया

और वल्र्ड टूर दोनों तरह के टूर पैकेज का आयोजन करते हैं। क्लब की महिला सदस्य अभी तक देश-विदेश के अनेक खूबसूरत और अमेजिंग डेस्टिनेशंस का सफर कर चुकी हैं। इनमें इजिप्ट, मलेशिया, स्विट्जरलैंड,

लद्दाख, मुंबई आदि शामिल हैं। यह क्लब एडवेंचर की शौकीन महिलाओं के लिए भी पूरा इंतजाम करता है। इनमें ट्रैकिंग, ऋषिकेश में रॉफ्टिंग जैस ट्रिप भी शामिल होते हैं।

इसके अलावा, फ्रांस, साउथ अमेरिका, बोरॉनो आदि की दिलचस्प यात्रा का आनंद भी ले सकते हैं। 2005 से अभी तक क्लब की ओर से हर साल करीब 70 से 80 टूर आयोजित किए जाते हैं।

गल्र्स ऑन द गो

गल्र्स ऑन द गो क्लब मुंबई बेस्ड वूमन सोलो ट्रैवल क्लब है। इसमें महिलाओं को घूमने के लिए कई अमेजिंग और नई जगहों के टूर पैकेज ऑफर किए जाते हैं, जैसे कि लद्दाख, नगालैंड, स्पेन, अंटार्कटिका आदि। महिलाओं

के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है, जिसमें अकेली महिलाएं बिना पुरुष के दुनियाभर की सैर का मजा उठाती हैं। क्लब द्वारा देश-विदेश के टूर प्लान किए जाते हैं।

दिवा ऑडिसीज

अगर आप लग्जरी हॉलीडे पैकेज प्लान कर रही हैं, तो आप दिवा ऑडिसीज के ट्रिप को भी चुन सकती हैं। इसमें

देश-विदेश की जगहों के लिए ट्रैवल प्लान किए जाते हैं, जो खासतौर पर ऐसी महिलाओं के लिए होते हैं, जिनमें

उनके साथ बच्चे भी जा सकते हैं। बच्चों के साथ महिलाएं अपने घूमने का सपना इस क्लब के जरिए भी पूरा कर

सकती हैं। इस क्लब में एक बार में आमतौर पर 18 महिलाएं ग्रुप का हिस्सा बनती हैं। इस क्लब में शामिल होकर तंजानिया और जंजीबार में वाइल्डलाइफ, बाली, ऑस्ट्रेलिया, कैरेबियन आइलैंड, इटली की दिलचस्प यात्रा का लुत्फ उठाया जा सकता है।

वूमन ऑन क्लाउड्स

दिल्ली का वूमन ऑन क्लाउड्स क्लब भी महिलाओं के लिए पूरी दुनिया में सैर- सपाटे का इंतजाम करता है। क्लब का मेन फोकस थीम बेस्ड टूरिज्म पर होता है, जो महिलाओं को किसी थीम के आधार पर पूरी घुमक्कड़ी कराता है। पिछले दिनों महिलाओं को ऋषिकेश में रिवर रॉफ्टिंग का रोमांचक अनुभव कराया गया था।

वहीं दक्षिण भारत में स्थित खूबसूरत गांव गोकर्ण में प्राकृतिक खूबसूरती के बीच में योग और मेडिटेशन का

आनंद उठाने का मौका भी मिलता है। साथ ही, उत्तराखंड में स्थित गढ़वाल में दू र दूर तक फैली पर्वत

श्रृंखलाओं,जंगल को भी करीब से निहारने का मौका मिलता है।
   
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मनाली अवश्य जायं वहां की सुदंरता देखते बनती है


अगर आप घुमने के शौकीन हैं तो मनाली अवश्य जायं वहां की सुदंरता देखते बनती है । अगर आप भी अपने हनीमून को एक खूबसूरत रोमांचक तड़का देना चाहते हैं तो सैर करें मनाली की।

मनाली की ऊंचाई 1,950 मीटर या 6,398 फीट कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर के निकट व्यास नदी की घाटी में स्थित, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य की पहाड़ियों का एक महत्वपूर्ण पर्वतीय स्थल हिल स्टेशन है।

मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ "मनु का निवास-स्थान" होता है।पौराणिक कथा है कि जल-प्रलय से दुनिया की तबाही के बाद मनुष्य जीवन को दुबारा निर्मित करने के लिए साधु मनु अपने जहाज से यही पर उतरे थे। मनाली को "देवताओं की घाटी" के रूप में जाना जाता है। पुराने मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर हैं। ब्रिटिश राज ने सेब के पेड़ और ट्राउट एक प्रकार की मछली की शुरुआत की जो मनाली के पेड़-पौधों एवं जीवों में बिल्कुल नहीं पाई जाती थीं। ऐसा कहा जाता है कि जब सेब के पेड़ों का रोपण हुआ तो इतने ज्यादा सेब फलने लगते थे कि उनकी टहनियां वजन को न सह पाने के कारण गिर जाती थी। आज भी यहां के अधिकांश निवासियों के लिए बेर और नाशपाती के साथ-साथ सेब भी इनके आय के सबसे बड़े माध्यम हैं।

मनाली में पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिला। मनाली एक लोकप्रिय हिमालय सम्बन्धी पर्यटक स्थल है और यह हिमाचल प्रदेश आने वाले कुल यात्रियों का लगभग एक चौथाई हिस्सा दर्शाता है। मनाली का ठंडा वातावरण भारत की चिलचिलाती गर्मी के मौसम में भी राहत प्रदान करता है। मनाली अपने चमकदार गोम्पाओं या बौद्ध मठों के लिए जाना जाता हैं। मनाली साहसी खेलों जैसे स्कीइंग, हाइकिंग, पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायाकिंग और माउन्टेन बाइकिंग के लिए मशहूर हैं। यॉक स्कीइंग इस क्षेत्र का एक अनोखा खेल है।मनाली इसके अलावा गर्म बसंत, धार्मिक तीर्थ स्थानें और तिब्बती बौद्ध मंदिरें भी प्रदान करता है।


कैसे जाएं- रेल मार्ग - नजदीक के रेलवे स्टेशन चंडीगढ़, शिमला, जोगिन्दर नगर है।

सड़क मार्ग - टैक्सी और लग्जरी बसें दिल्ली, चंडीगढ और कुल्लू से चलती हैं। मनाली से वापस आने के लिए बस सेवा उपलब्ध है।

हवाई मार्ग - नजदीक का हवाई अड्डा भुंतर है। यह कुल्लू से 10 किलोमीटर और मनाली से 50 किलोमीटर दूर है।

कहां ठहरें- होटल , लॉग हट्स , सरवरी कुल्लू, होटल कुंजम मनाली तथा मनाली हट्स, दूसरे होटलों के लिए मनाली स्थित पर्यटन केंद्र से संपर्क करें।

तापमान - गर्मियों में अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस, सर्दियों में अधिकतम 12 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम शून्य से कम।
   
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Friday, 29 April 2016

दुनिया की 15 ऐसी अनोखी एयरलाइन्स जिनमें आप एक बार जरूर सफर करना चाहेंगे



जर्मन की न्यूड़ एयरलाईन्स:
एक जर्मन ट्रैवल एजंसी ने साल 2008 में दुनिया की पहली न्यूड़ एयरलाइन लॉन्च की थी. ये फ्लाइट लोगों को गर्मियों की छुट्टी मनाने के लिए German City Of Erfurt से Baltic Sea Resort तक चलती है. इस एयरलाईन में यात्रियों को फ्लाइट पर बैठते और उतरते वक्त ही कपड़े पहनने होते हैं.

Qantas Airways:
 साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया की Qantas Airways ने सभी यात्रियों के मनोरंजन और बेहतर अनुभव के लिए Virtual Reality Headsets देने की शुरूआत की थी. इसे लगाते ही 360 डिग्री में वीडियोज़ का अनुभव मिलता हैं. आप प्लेन लैंडिग या अन्य वीडियोज़, LAX में Qantas Lounge और ऑस्ट्रेलिया के Kakadu National Park देख सकते हैं.

WOW एयरलाईन:
साल 2016 में Iceland की WOW Air ने गुलाबी रंग की ये Airbus A330 लॉन्च की. इसका नाम 'TF-GAY' है. ये फ्लाइट Iceland से San Francisco तक चलती है.

Virgin Atlantic एयरलाईन:
साल 2013 के फरवरी महीने में बिजनेस क्लॉस यात्रियों को फ्लाईट में ही आर्ट गैलरी देखने का मौका दिया गया था. ये प्रदर्शनी मशहूर सिर्फ़ स्ट्रीट आर्टिस्ट Bob Eine की थी. इन आर्ट पीस के रेट £2,500 से £15,000 तक थे.

EVA Air Hello Kitty एयरलाईन:
EVA Air नाम की इस ताइवानी Airline में हर जगह सिर्फ़ Kitty ही दिखाई देती है. पूरी फ्लाइट Hello Kitty Theme पर है, जिसमें नैप्किन और तकिये के साथ, सभी चीज़ों पर Kitty ही दिखती है. इतना ही नहीं एयरहोस्टेस भी Kitty के ही कपड़े पहनती हैं.

Neon Green फ्लाईट:
Kulula का मतलब होता है 'It's Easy', और ये दक्षिण अफ्रीका की सस्ती फ्लाइट्स में से एक है. इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए हर एक चीज फ्लाइट के बाहर ही लिखी है. जैसे फ्रंट गेट कौन सा है, को-पायलेट कहां बैठता है वगैराह वगैराह.

VietJet एयरलाईन:
VietJet एयरलाईन के सीईओ Nguyen Thi Phuong Thao हैं. इस फ्लाइट की Air Hostess यात्रियों को खुश रखने के लिए बिकिनी पहनती हैं.

Germanwings एयरलाईन:
German Wings Airlines अपने यात्रियों को 'Blind Bookings' ऑफर करती है. इसमें अगर आपको मौज मस्ती या शॉपिंग के लिए किसी देश में जाना है तो बुकिंग के वक्त आपकी यात्रा की तारीख पूछी जाएगी. इन जानकारियों के बाद आपको कुछ जगहों की लिस्ट दिखाई जाएगी. इसे दिखाने के बाद बुकिंग के वक्त उनमें से किसी भी एक जगह की आपकी टिकट बुक हो जाएगी और आपको बुकिंग के बाद पता चलेगा कि आप कहां जा रहे हैं.

United एयरलाईन्स:
साल 2014 बाद से United Airlines ने अपनी मोबाइल ऐप लॉन्च की, जिसमें Ride पर क्लिक करते ही यात्री Uber की वेबसाइट पर चले जाते हैं. यहां से आपको Sign Up करने पर $30 की फ्री Ride और 1,000 Bonus United Mileage Plus Miles मिलता है.

KLM Royal Dutch एयरलाईन्स:
KLM Royal Dutch Airlines ने 'Meet and Seat' सर्विस लॉन्च की है. इस एयरलाईन में बैठने से पहले यात्री अपने सह यात्रियों की Linkedin और Facebook प्रोफाइल देख कर तय कर सकते हैं, कि उन्हें किसके साथ बैठना है

La Compagnie एयरलाईन:
फ्रांस की La Compagnie नाम की ये एयरलाईन सिर्फ पेरिस से न्यूयॉर्क के बीच चलती है. इस Airline में सभी यात्रियों को मसाज, Michelin Star Food और मनोरंजन के लिए सैमसंग टैब्लेट मिलते हैं. दिलचस्प बात ये है कि ये एयरलाईन अपनी प्रतिद्वंद्वी एयरलाईन की बिज़नेस क्लास से भी सस्ती है.

Hooters Air:
Hooters अमेरिका के एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट का नाम है. इस रेस्टोरेंट ने Airline सर्विस शुरू की है. यहां वेट्रेस यात्रियों को को आकर्षित करने के लिए बेहद छोटे कपड़े पहनती हैं. जिसमें फ्लाइट अटेंडेंट्स के साथ ये Hooters Girls भी रहती हैं. जो यात्रियों को गेम खेलने में मदद करती है.

Air Koryo एयरलाईन:
 उत्तर कोरिया की Air Koryo Airline को SkyTrax की रैंकिंग में इसे सिर्फ़ 1 स्टार ही मिल रहा है. सबसे कम सुविधाओं के साथ, मनोरंजन के नाम पर इसमें Moranbong Girl Band है, जो हर वक्त अपने महान नेताओं के लिए देश भक्ति के गाने गाता हैं.

एयर माल्टा:
 एयर माल्टा नाम की इस फ्लाईट ने साल जुलाई 2015 के बाद से सफरको आरामदायक और यादगार बनाने के लिए यात्रियों को सर, पैर और गले में फ्री मसाज के साथ स्पा वाउचर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स देनी की शुरूआत की.

New Zealand:
Air New Zealand, नाम की इस फ्लाइट में यात्रियों को सोने की सुविधा दी गई है. इसकी सीट्स आसानी से सोफे और बैड में बदल जाती हैं, ये फ्लाईट साल 2011 से New Zealand से Los Angeles के बीच चल रही है.

     
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