Sunday, 12 June 2016

आज चलते हैं, भारत के सबसे सुंदर रेलवे स्टेशन की सैर पर


Tripbunk:हर खुबसूरत चीज हम देखना चाहते हैं । आज आपको ले चलते हैं भारत के सबसे खुबसूरत स्टेशन की और।


भारतीय रेल सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है। इसके साथ ही भारतीय रेल के कुछ स्टेशन बेहद खूबसूरत हैं।, जहां जाकर आपको सुख और शांति मिलेगी। भारत में रेल शुरू होने के 160 साल हो चुके हैं। मुंबई के बोरी बंदर

से ठाणे के बीच पहली यात्री ट्रेन16 अप्रैल1853 को चली थी। मुंबई के इस पहले रेलवे स्टेशन बोरी बंदर को नया

रूप देने की शुरुआत 1878 में हुई थी और इसे बनने में 10 वर्ष का समय लग गया और यह 1887 में बन कर

तैयार हुआ।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस


UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में जगह पाया हुआ ये स्टेशन देखने में बहुत शानदार है। इस स्टेशन को इसकी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसे ब्रिटेन की महारानी की गोल्डन जुबली को मनाने के लिए तैयार किया गया था, इसलिए इसका नाम भी महारानी के नाम पर विक्टोरिया टर्मिनस किया गया था। बाद में इसका नाम छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया। यह बिल्डिंग अपनी विक्टोरियन- इटैलिक आर्किटेक्ट शैली के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है। इसमें भारतीय शैली की भी स्पष्ट छाप है।

बड़ोग


हिमाचल मे बड़ोग नाम का ये स्टेशन सुरंग नंबर 33 से निकलते ही है। जब सुरंग के बाहर निलकते ही ट्रेन रुकती है, तो बाहर का नजारा देखने लायक होता है। खूबसूरती को लोग अच्छे से देख सके इसलिए ट्रेन को यहां आधे घंटे के लिए रोका जाता है।, चार बाग, लखनऊ

ये स्टेशन देखने में बिल्कुल महल जैसा लगता है। चार बाग रेलवे स्टेशन भारत के सबसे खूबसूरत स्टेशनों में से एक है। चार बाग का नाम यहां पर पहले मौजूद चार बागों के नाम पर रखा गया।

दूधसागर रेलवे स्टेशन


ये स्टेशन आपको शानदार और बहुत बड़े दूधसागर फॉल के दर्शन कराएगा। ये स्टेशन हेदराबाद और कोल्वा के बीच में पड़ता है।

गोरखपुर रेलवे स्टेशन


ये स्टेशन वर्ल्ड का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यह 1.35 km तक फैला हुआ है। दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में है, जिसकी लंबाई 1072 मीटर है। पर गोरखपुर में बने प्लैटफार्म के तैयार हो जाने के बाद यहां 26 बोगियों वाले दो ट्रेनों को एक साथ खड़ा किया जा सकता है । इसकी लंबाई 1355 किलो मीटर होगी।

यह प्लेटफॉर्म 7 अक्टूबर 2013 से चालू हुआ । स्टेशन प्रबंधक इस उपलब्धि को गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की कोशिश कर रहे । गोरखपूर को पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजधानी भी कहा जाता है और यह पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय भी है। इसके साथ ही गोरखपुर घूमने के लिए भी अच्छी जगह है।यहां रेलवे का म्यूजियम और गोरखनाथ मंदिर जैसी जगहें मौजूद हैं।


घूम


डार्जलिंग के पास मौजूद यह रेलवे स्टेशन भारत में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद है। इसके साथ ही वर्ल्ड में

ऊंचाई के मामले में इसका 14वां नंबर है।

टुर्भी


ये स्टेशन मुंबई के हार्बर लाइन पर है। इसके ऊपर मौजूद गुंबद इसको सबसे अलग और सुंदर बनाता है।

द्वारका


पहली बार देखने पर ये स्टेशन आपको किसी मंदिर की तरह लग सकता है, पर असल में ये रेलवे स्टेशन है।

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Wednesday, 8 June 2016

जानिए, यात्रा के दौरान किन चीजों की खरीदारी यादगार के तौर पर कर सकते


हर डेस्टिनेशन की अपनी एक खास पहचान होती है। वहां से की गई खरीदारी आपको हमेशा उन खूबसूरत पलों की याद दिलाती रहती है, जो आपने वहां बिताए हैं। जानिए यात्रा के दौरान किन यादगार चीजों की खरीदारी सूवनिर यानी निशानी के तौर पर कर सकते हैं...

मनुष्य स्वभाव से ही अपने परिवेश में बदलाव पसंद करने वाला प्राणी है। यही कारण है कि अधिकांश लोग अपने दैनिक जीवन के बोझिलपन को दूर करने के लिए पहाड़ों, तीर्थस्थलों, मनमोहक स्थलों, विदेश आदि की यात्रा करना पसंद करते हैं। इससे न केवल हमारे दैनिक जीवन का बोझिलपन दूर होता है, बल्कि यह हमें तरोताजा भी बनाता है। लंबे समय तक ऐसे स्थलों की स्मृतियां भी हमारे मानस पटल पर अंकित रहती हैं और हमारे मन मस्तिष्क को आह्लादित करती रहती हैं। लेकिन एक ऐसा तरीका भी है जिससे हम अपनी यात्राओं के खूबसूरत पलों को हमेशा के लिए सजों कर रख सकते हैं और वह तरीका है हम टू रिस्ट प्लेस से कोई ऐसा सूवनिर या निशानी अपने साथ लेकर आएं, जो हमें सदैव उस टूरिस्ट स्पॉट में बिताए

खूबसूरत पलों की याद दिलाती रहे। ये सूवनिर न केवल हम अपने लिए खरीद सकते हैं, बल्कि अपने सगे-संबंधियों को भेंट भी कर सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि अधिकतर लोग टूरिस्ट स्पॉट से घिसी-पिटी चीजों की खरीदारी करके आते हैं, जिनका महत्व ज्यादा दिनों तक नहीं रहता है और जल्दी ही वे घर के कबाड़ का हिस्सा बन जाती हैं।

इसलिए आवश्यक है कि जब अगली बार आप अपने किसी पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस पर जाएं, तो खरीदारी करते हुए

थोड़ा-सा क्रिएटिव हो जाएं और अपने साथ उस स्थान का कोई ऐसा सूवनिर या स्मृति चिन्ह लेकर आएं, जिसे

हम संजोकर रखने में फख्र महसूस कर सकें। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए नीचे कई प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट्स

के नाम व वहां की प्रसिद्ध चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो यात्राओं में खरीदारी के दौरान आपके लिए उपयोगी होंगे...

खरीदें कुछ अनूठा


अधिकांश टूरिस्ट स्पॉट्स अपनी किसी अनूठी चीज के लिए मशहूर होते हैं। ये न केवल सस्ते होते हैं, बल्कि वे अन्य किसी स्थान पर आसानी से मिलते भी नहीं हैं। उदाहरण के लिए हम पुरी का नाम ले सकते हैं, जहां का लेस वर्क या क्लॉथ पैच वर्क पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसे वहां की ग्रामीण महिलाओं द्वारा काफी मेहनत के साथ सिलकर तैयार किया जाता है। अगर आप किसी धार्मिक महत्व की जगह पर घूमने जा रहे हैं तो वहां से भगवान की छोटी-छोटी खूबसू रत मूर्तियां अवश्य खरीदकर लाएं। जैसे आप वृंदावन जाते हैं तो वहां से भगवान कृष्ण की छोटी मूर्ति खरीद सकते हैं। ऐसा करके न केवल आप अपने और अपने सगे संबंधियों लिए एक अनूठी निशानी लेते हैं, बल्कि वहां के स्थानीय शिल्पकारों की रोजीरोटी का साधन भी बन सकते हैं।

प्राकृतिक चीजों की करें खरीदारी


जहां तक प्राकृतिक चीजों का सवाल है, तो आप सीपियों, शंखों, विभिन्न आकारों के पत्थरों आदि को टूरिस्ट स्पॉट्स से लेकर आ सकते हैं। आप इन सभी चीजों को अपने लिविंग रूम में कांच के बाउल में या बोतल में

सजा कर रख भी सकते हैं, जो आपको सदैव उस प्राकृतिक स्थल के सौंदर्य की याद दिलाती रहेंगे।

इतना ही नहीं, आप किसी खूबसूरत जंगली पौधों अथवा ब्लू स्टारफिश का फोटोग्राफ लेकर उसे हमेशा के लिए संजोकर अपने एल्बम में सुरक्षित रख सकते हैं। इसी तरह से साबुन, लोशन, शावर जेल्स और सुगंधित तेलों जैसे सौंदर्य व स्नान करने वाले उत्पादों की खरीदारी भी की जा सकती है। यदि आपने केरल को अपने घूमने के

लिए चुना है, तो अपने अजीज मित्र या सगे-संबंधियों के लिए स्थानीय खुशबूदार तेल या जड़ी-बूटी की खरीद

कर उन्हें खुश कर सकते हैं।

टेक्सटाइल


बात अगर कपड़ों की हो, तो अपने आपको रोकना थोड़ा मुश्किल होता है,हम कहीं घूमने जाएं और वहां से कपड़ों
की खरीददारी न करें, हो ही नहीं सकता। वैसे कई लोग लिनन खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि लिनन के साथ एक फायदा यह है कि ये काफी हल्के होते हैं और किसी सूटकेस में आसानी के साथ मोड़ कर रखे जा सकते हैं। टेबल क्लॉथ व तौलिया तो सभी खरीदते हैं, लेकिन हमें इसके कहीं आगे जाकर सोचने की जरूरत है। जरूरी है कि यात्रा के दौरान हम किसी ऐसी चीज की ही खरीदारी करें, जो हमेशा हमारे दिल के करीब रहे। खूबसूरत रुमाल, एक छोटा वूलेन रग, वॉल हैंगिंग या बेड कवर ऐसे ही अनूठे उपहार हैं जिनकी सभी प्रशंसा करेंगे। टेक्सटाइल के क्षेत्र में वाराणसी/ कांजीवरम की पारंपरिक बनारसी/ कांजीवरम साडिय़ों से बेहतर शायद कुछ हो ही नहीं सकता है। सदियों से लोग इन्हें पसंद करते चले आ रहे हैं और आज भी इनका पुराना आकर्षण बरकरार है। यदि
आप इनकी खरीदारी करते हैं, तो जिंदगी भर के लिए बनारसी व कांजीवरम अपने जेहन में ताजा बने रहेंगे। इसी तरह कश्मीर की पश्मीना शॉल व याक केव याक के वूल से बनी टोपियों का कहना ही क्या है। इसे सभी पसंद करते हैं।

यदि आप इन्हें अपने साथ लाते हैं, तो जिंदगी भर ये आपके घर की शोभा बढ़ाते रहेंगे।

टिकट/ब्रोशर/मेमोरेबिलिया

अक्सर लोग विदेश घूमने या फिर किसी कार्यवश जाते हैं। वे वहां पोस्ट ऑफिस जाकर स्टैम्प टिकट खरीद सकते हैं। विदेश में ऐसे कैलेंडर भी लिए जा सकते हैं, जिसमें वहां के किसी स्थानीय प्राकृतिक स्थल की फोटो हो या फिर किसी कलाकार की कलाकृति की फोटो हो। जिसे आप फ्रेम कराकर अपने घर की दिवारों की शोभा भी बढ़ा सकते हैं।आप ऐसी प्लेट्स भी खरीद सकते हैं जिनमें उस जगह का मैप बना हो जिसे आप अपने रूम में सजा भी सकते है, आजकल ये काफी चलन में भी है। इसके अलावा, आप स्थानीय जगहों के मैप और ऐतिहासिक इमारतों की फोटो वाले पेपरवेट, फ्रिज पर लगाने वाले मैग्नेट आदि की भी खरीददारी कर सकते हैं। पोस्ट कार्ड भी अच्छे सूवनिर साबित हो सकते हैं। ये न केवल किफायती होते हैं, बल्कि इन्हें आसानी से पैक करके अपने साथ विदेश से लाया भी जा सकता है। जब भी पोस्ट कार्ड खरीदें उसक पीछे उस जगह का नाम

और दिन जरूर लिखे, जिससे आप जब भी उसे देखेंगे आपको वो पल जरूर याद आयेगा।

विंटेज फोटोग्राफ्स भी आपके लिए एक बेहतरीन सूवनिर हो सकते हैं। जिस देश में आप घूमने गए हैं वहां के महापुरुषों की फोटोग्राफ कलेक्ट की जा सकती हैं। जैसे भारत आने वाला दुनिया का लगभग हर टूरिस्ट

कहीं न कहीं महात्मा गांधी से जुड़ी चीजों को, फोटोग्राफ्स को कलेक्ट करता है, वैसे आप भी ऐसी फोटोग्राफ्स कलेक्ट कर सकते हैं। ये फोटोग्राफ्स आपको वहां के लोकल एंटीक मार्केट में आसानी से मिल सकती हैं। यदि आप इस मामले में और भी क्रिएटिव होना चाहते हैं, तो किसी ऐतिहासिक स्थल की एंट्री टिकट को, ब्रोसर को भी सूवनिर के रूप में अपने पास रख सकते हैं, जो आपके घर में एक अनूठी निशानी के रूप में सदैव बरकरार रह सकते हैं।

बच्चों के लिए सूवनिर


बच्चों के लिए सूवनिर खरीदना निश्चित रूप से काफी मेहनत का कार्य है। बच्चे तड़क-भड़क वाली चीजों को ही पसंद करते हैं। टी-शर्ट व स्थानीय स्तर पर बनाई गई मू र्तियां उनके लिए आदर्श सूवनिर साबित हो सकती हैं। उदाहरण के लिए गोवा की यात्रा के दौरान आप स्थानीय रूप से बनी गोवा बीच की प्रिंट वाली टी-शर्ट खरीद सकते हैं। बच्चों के मामले में थोड़ा ज्यादा क्रिएटिव होने की जरूरत है और वे निश्चित रूप से आपकी लाई हुई चीजों को

पसंद करेंगे। एक महत्वपूर्ण बात और, आप बच्चों को भी सूवनिर को सजाने में शामिल करें, इससे उनकी जानकारी भी बढ़ेगी और वे हमेशा उस स्थान और वहां की चीजों से अपना जुड़ाव महसूस करेंगे। इस तरह से अगर आप थोड़ा दिमाग का प्रयोग करते हुए क्रिएटिव तरीके से टूरिस्ट स्पॉट्स में खरीदारी करते हैं, तो न केवल

आपका वहां जाना सार्थक साबित होगा, बल्कि लंबे समय तक उस रमणीक स्थल की यादें भी आपके जेहन में ताजा बनी रहेंगी। इसी के साथ विशिष्ट उपहारों को अपने परिवार वालों व सगे-संबंधियों को भेंट करके आप उनको भी खुश कर सकते हैं।

फूड और गॉरमेंट


यदि आप किसी ऐसे टूरिस्ट स्पॉट में गए हैं, जहां खाने-पीने की चीजें बहुतायत में मिलती हैं, तो वहां आप ऐसी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। खाने-पीने की वस्तुएं भी जबर्दस्त उपहार साबित हो सकती हैं। अपने टूरिस्ट स्पॉट में आप लोकल मार्केट में जाकर कुछ ऐसी वस्तुएं खरीदें, जिसे आपने कभी खाया न हो और वे चीजें वहां की खासियत हों। अमूमन चाय, चॉकलेट, कुकीज और कैंडी तो सभी खरीदना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ विशेष खरीदने की कोशिश करें। जहां आप घूमने गए हैं अगर वहां के मसाले और ड्राई फ्रू ट्स मशहूर हैं, तो वो खरीदे जा सकते हैं।

उदाहरण के लिए दार्जिलिंग की विशेष रूप से पैक की गई चाय व पुणे के वाइनयार्ड के प्रोडक्ट का नाम लिया

जा सकता है, जिनका स्वाद विशेष होता है।

किताबें


इंटरनेट व टीवी के जमाने में आज भी एक बड़ा वर्ग है, जो किताबें खरीद कर उन्हें पढऩा पसंद करता है। इसी के साथ काफी बड़े वर्ग को किताबें इकठ्ठा करने का शौक भी होता है। इसलिए सूवनिर कलेक्शन के लिए एक बुकस्टोर सबसे बेहतर जगह साबित हो सकती है। यदि टूरिस्ट स्पॉट में घूमने के लिए आपके पास ज्यादा समय नहीं है, तो आप विदेशी भाषा की डिक्शनरी खरीद सकते हैं, स्थानीय अखबार व मैगजीन की खरीदारी भी निशानी के रूप में की जा सकती है।

बुकस्टोर्स से न केवल किताबों की ही खरीदारी की जा सकती है, बल्कि ट्रैवल गाइड, कॉफी टेबुल बुक, खाने-पीने की किताबों आदि की भी खरीदारी की जा सकती है, जो लंबे समय तक आपके पास सुरक्षित रहकर आपको उस टूरिस्ट स्पॉट की याद दिलाती रहेंगी।

खास अहसास

जब कभी आप किसी टूरिस्ट प्लेस पर जाएं, तो वहां की खासियतों से जुड़ी चीजों को अपने साथ ला सकते हैं। ऐसी वस्तुओं को आप अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच बांट कर उनकी प्रशंसा पा सकते हैं। ऐसी नायाब और खास वस्तुओं के संग्रह से आप अपने घर को भी खास बना सकते हैं।


करेंसी


विदेश की यात्रा के दौरान सफर की शुरुआत में ही आपको अपनी करेंसी को उस देश की करेंसी के साथ बदलना होता है। यदि इनमें से आप कुछ सिक्के ले लें तो बेहतर रहेगा। ये सिक्के बेहतरीन सूवनिर का काम करते हैं। हां,

एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि सिक्के इतनी ज्यादा संख्या में हों कि न केवल आप उन्हें अपने

लिए रख सकें, बल्कि उन्हें आप अपने बच्चों व सगे- संबंधियों को भी भेंट दे सकें। सिक्कों के अतिरिक्त

पेपर करेंसी भी आपके लिए एक अच्छा सूवनिर साबित होगा। आपके कई मित्र व सगे-संबंधी ऐसे होंगे जो

क्वॉइन कलेक्शन और पेपर करेंंसी यानी नोटों के शौकीन भी होंगे, उनके लिए तो यह किसी नियामत से

कम नहीं होगा।

ये हैं दुनिया के सबसे अजीब घर



Tripbunk; खूबसूरत घर हर किसी का सपना होता है, उसके लिए लोग जाने कितने ही रुपए खर्च कर देते हैं। मगर दुनियाभर में कुछ ऐसे घर हैं जिन्हें देखकर आप सोचेंगे कि इनकी कल्पना भी कैसे की गई होगी। जानते हैं ऐसे ही कुछ खास घरों के बारे में....

वी डब्ल्यू बीटल हाउस

अगर आप कारों के शौकीन हैं तो ये घर आपको जरूर पसंद आएगा। ऑस्ट्रिया में बना ये घर मारकस वोगलेटर ने तैयार किया है। घर के मालिक ने इसे जब खरीदा था तो वह पुराने समय की स्टाइल में बना था। मगर 2003 में उन्होंने इसे पूरी तरह से बदलवा दिया। ये घर पूरी तरह से इको-फ्रेंडली और सौर ऊर्जा से चलित है। फिलहाल यहां घर की एक मंजिल पर रेस्त्रां भी चलाया जाता है। इसकी कीमत लगभग 94 करोड़ है।

मशरुम हाउस

ओहियो में बना ये घर यहां के सबसे मुख्य आकर्षणों में से एक है। आर्किटेक्चर पढ़ाने वाले टैरी ब्राउन ने इसे बनाया था। इसे पहले ट्री हाउस का नाम दिया गया था, लेकिन मशरूम हाउस नाम ज्यादा लोगों ने पसंद किया। 1996 से 2006 के लंबे समय में उन्होंने इसे बनाया और यहां वीकेंड्स पर आकर समय बिताया करते थे। मगर 2008 में उनकी मौत के बाद ये काफी समय तक खाली रहा और 2012 में इसे बेच दिया गया। इसकी कीमल लगभग ढ़ाई करोड़ रुपए है।

 डॉग बार्क इन

डॉग लवर्स को ये खासतौर पर पसंद आएगा। इडाहो के कॉटनवुड में ये घर 2003 में बनकर तैयार हुआ था। इसे चेनसॉ ऑर्टिस्ट फ्रांसिस कोंकलिन और डैनिस सोलेवियन की जोड़ी ने बनाया था। ये दंपति दरअसल पहले कुत्ते की छोटी-छोटी मूर्तियों को बेचा करते थे। उन्हें ये काम इतना पसंद था कि उन्होंने डॉग की शेप का घर बनाने का सोचकर इसका निर्माण किया। फिलहाल यहां वे रहने के साथ होटल और कॉफी हाउस चलाते हैं।

पैलेस ऑफ बबल्स

यह देखने में ऐसा है कि आप सोचेंगे कि यहां रहते कहां होंगे। फ्रांस में स्थित ये घर लगभग 50 साल पुराना है। इतने कम समय में इसे वहां की खास इमारतों में से एक घोषित कर दिया गया है। फिलहाल इसे बड़े फैशन इवेंट्स और शादियों के लिए प्रयोग किया जाता है। इस घर में कुल 28 कमरे हैं, जिनमें हर किसी में गोल पलंग लगाए गए हैं। इसकी कीमत लगभग 60 करोड़ रुपए है। अगर आप छुट्‌टियों का सोच रहे हैं तो यहां किराए पर आपको एक व्यक्ति के लिए कमरा 74 हजार रुपए प्रतिदिन के रेंट पर मिल जाएगा।

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Tuesday, 7 June 2016

इन 10 देशों के नियम कानून जानकर दंग रह जाएंगे आप

टूरिस्टों के लिए बहुत ही सख्त हैं इन 10 देशों के नियम-कानून

हनीमून हो, फ्रेंड्स के साथ गेट-टूगेदर या फिर ऑफिशियल मीटिंग। किसी भी चीज के लिए इंडिया से बाहर जा रहे हैं तो पहले वहां के नियम-कायदों की पूरी जानकारी लें ले। वरना थोड़ी सी भी भूलचूक होने पर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है, यहां तक कि जेल जाने की भी नौबत आ सकती है।
आज ऐसे ही देशों के बारे में जानेंगे जहां घूमने के लिए ढेरों ऑप्शन्स मौजूद हैं लेकिन वहां के सख्त नियम-कानून कई बार मौज-मस्ती में खलल डालने का काम करते हैं।

नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया पूरी तरह कम्युनिस्ट देश है। यहां आने वाले टूरिस्टों को पर्सनल सिक्युरिटी मिलती है जो उनके यहां आने से लेकर वापस जाने तक लगातार साथ रहते हैं। जो खासतौर से इस बात की निगरानी करते हैं कि टूरिस्ट किसी तरह का कोई रूल ब्रेक न करें जैसे नॉर्थ कोरियन सरकार के खिलाफ बोलना। यहां टीवी, रेडियो और बाकी मीडिया को एडमिनिस्ट्रेशन कंट्रोल करता है और सेंसर्ड चीजें दिखाई जाती हैं यहां तक कि ऑनलाइन एक्टीविटीज पर भी नजर रखी जाती है।
बिना शादी किए यहां सेक्शुअल रिलेशनशिप बनाने पर रोकटोक है। फैशन को लेकर भी नार्थ कोरिया के कड़े नियम-कानून हैं। यहां महिलाएं पेंट्स नहीं पहन सकतीं और पुरुषों को हर 15 दिन बाद अपने बाल कटवाने होते हैं।
Other strict rules countries:जापान/Japan
सऊदी अरब/Saudi arabia
चीन/China
क्यूबा/Cuba
ईरान/Iran
सीरिया/Syria
इरिट्रिया/Eritrea
इक्वेटोरियल गुआना/Equatorial Guinea
सिंगापुर/Singapore

जापान/Japan

जापान पूरी दुनिया में अपने हार्डवर्किंग कल्चर के लिए जाना जाता है। यहां फैमिली, फ्रेंड्स, स्कूल और ऑफिस हर जगह के लिए अलग-अलग नियम-कानून हैं। ऑफिस में किसी भी तरह के फोन कॉल्स आना, खासतौर से वाइफ का फोन आना बहुत ही खराब माना जाता है। पहले यहां सिर्फ पढ़ने और जॉब के मकसद से आने वालों को ही घूमने की आजादी थी जिसमें हाल-फिलहाल कई सारे बदलाव किए गए हैं। यहां नंबर 4 का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसलिए यहां 40 और 49 फ्लोर कहीं भी नजर नहीं आएंगे। रेस्टोरेंट्स में टिप नहीं दे सकते। वरना पैसे लौटाने के लिए लोग आपका पीछा कर सकते हैं। सड़कों पर चलते हुए और बसों-ट्रेन में बैठकर खाना भी यहां के कल्चर का हिस्सा नहीं।

सऊदी अरब/Saudi arabia

वैसे तो सऊदी अरब कई सारे मामलों में मॉर्डन हो चुका है लेकिन ट्रेडिशन के मामले में अब भी यहां बहुत ही सख्त नियम-कानून हैं। जिसका असर महिलाओं पर ज्यादा देखने को मिलता है जैसे यहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं, पब्लिक प्लेस पर वो किसी गैर मर्द के साथ नहीं घूम सकतीं साथ ही पूरी तरह से ढके हुए कपड़े ही पहनने होते हैं। ये नियम बाहर से आने वाले सैलानियों पर भी लागू होते हैं। पुरुषों के लिए भी कपड़ों को लेकर अलग तरह के नियम-कानून हैं। ड्रिंक करना मना है। सरकार के खिलाफ बोलने और लिखने वालों को यहां तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है।

चीन/China

डेवलपिंग देशों के लिए चीन को एक अच्छा उदाहरण मान सकते हैं लेकिन यहां की गवर्नमेंट कम्युनिस्ट है इसलिए बहुत सारी चीजों की पाबंदी है। गवर्नमेंट के खिलाफ किसी भी तरह का कमेंट करना खतरनाक साबित हो सकता है। यूथ के लिए नुकसानदायक हर एक चीज को यहां बैन किया गया है। टूरिस्टों को यहां के पुलिस स्टेशन में अपनी सारी जानकारी देनी होती है। साथ ही यहां कई सारे देशों में घूमने के लिए गवर्नमेंट अप्रूव ट्रैवल एजेंसी से परमिशन लेना होता है।

क्यूबा/Cuba

क्यूबा में घूमने के बहुत सारे ऑप्शन्स मौजूद हैं लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी कंट्रोल होने के कारण कई सारी जगहों पर सख्त नियम कानून लागू किए गए हैं। यहां इंटरनेट सर्फिंग करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं और सबसे अजीब बात कि ज्यादातर साइट्स को बैन किया गया है और ऐसे कंटेंट को देखने, लिखने और बोलने पर जेल भेजा जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी लग सकता है। टूरिस्टों को यहां पार्टी करने की इजाजत है लेकिन उसमें बजने वाले गाने सेंसिबल होने चाहिए। महिलाओं को गलत तरीके से दिखाए जाने वाले गाने और वीडियोज देखने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है।

ईरान/Iran 

ईरान में शरिया कानून को फॉलो किया जाता है। सरकार के खिलाफ बोलने और एक्शन लेने वालों के खिलाफ कड़े नियम हैं। नेगेटिव स्टेटमेंट देना, फेसबुक, यूट्यूब और गूगल प्लस जैसे साइट्स पर लॉगइन करना कई तरह की मुसीबतें खड़ा कर सकता है। जिसका खासतौर से सैलानियों को ध्यान रखना होता है।
पुरुष कोई हेयर स्टाइल नहीं बना सकते, महिलाएं खास कपड़ों के साथ हिजाब में ही पब्लिक प्लेसेज पर घूम सकती हैं। जींस पहनने पर पाबंदी है। इतना ही नहीं वेस्टर्न म्यूजिक जैसे जैज, रॉक और रैप नहीं सुन सकते और शराब पीने पर भी सख्त मनाही है।

सीरिया/Syria

सीरिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच तनाव को लेकर रोजाना लड़ाई-झगड़ों की स्थिति बनी रहती है। घूमने के लिहाज से यहां आने पर काफी सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन्स और इंटरनेट का इस्तेमाल पर कई तरह के नियम-कानून हैं।

इरिट्रिया/Eritrea  

इरिट्रिया में प्रेसीडेंट रूल है जिसने यहां की मीडिया को भी कंट्रोल किया हुआ है। यहां रहने वाले लोगों के अलावा बाहर से आने वाले लोगों को भी कई तरह के रूल्स को फॉलो करना होता है। 25 किमी से ज्यादा घूमने के लिए यहां 10 दिन पहले ही परमिशन लेना होता है। इसके अलावा मशहूर ट्रैवल डेस्टिनेशन्स जैसे मसावा, केरेन, इथियोपिया और दजिबोउती घूमने पर सख्त मनाही है। अलग-अलग जगहों पर जाने के लिए अलग-अलग अप्रूवल लेना होता है।

इक्वेटोरियल गुआना/Equatorial Guinea

इक्वेटोरियल गुआना में लोगों के पढ़ने-लिखने की मनाही है। गुआना पूरे अफ्रीका में एकमात्र स्पेनिश बोलने वाला देश है। मीडिया पूरी तरह से प्रेसीडेंट पावर के अंदर है। बाहर से आने वाले सैलानियों को वीजा संबंधी मामलों में खास एतिहात बरतनी होती है क्योंकि जरा सी भी गड़बड़ी पाए जाने पर वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है। साथ ही यहां की गरीबी और इकोनॉमी को जाहिर करने वाले फोटोग्राफ खींचने की भी मनाही है।

सिंगापुर/Singapore

सिंगापुर में घूमने के लिए ढेरो ऑप्शन्स मौजूद हैं लेकिन इनका फायदा आप तभी उठा सकते हैं जब आप खुशी से यहां के नियम-कायदों को अपनाएंगे। यहां पब्लिक प्लेस पर च्यूइंगम खाने पर $1000 का फाइन है, टॉयलेट इस्तेमाल के बाद फ्लश न करने पर $150 का फाइन देना पड़ता है। स्मोकिंग नहीं कर सकते, सिंगापुर के ड्रेस कोड को फॉलो करना पड़ता है। घूमने आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बेहतर होगा पहले यहां की सारी जानकारी लें वरना कई सारी चीजों के लिए फाइन भरना पड़ सकता है। पब्लिक प्लेस पर गले लगाना, किस करना, हैंडशेक करना मना है। बिस्किट, चिप्स और चॉकलेट के रैपर कहीं भी नहीं फेंक सकते।

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''लोनावला'' हरी-भरी वादियों से घिरा हिल स्टेशन

महाराष्ट्र में बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन लोनावला अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए जाना जाता है। सुंदर झील और झरनों का ये शहर टूरिस्टों के दिल को जीतने के लिए पूरे साल स्वागत को तैयार रहता है। पुणे से 64 किमी तथा मुंबई से 96 किमी दूर ये शहर एक अच्छे वीकेंड के लिए बाहें फैलाए खींचता है।
समुद्रतल से 624 मीटर की ऊंचाई पर बसे हरी-भरी पहाडियों से घिरे लोनावला की सुंदरता देखते ही बनती है। यहां घूमने लायक कई सारी जगहें हैं। ट्रैकिंग का मन हो तो पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा भी मौजूद है। ट्रैकिंग करते समय पहाड़ों के नजारों का लुत्फ अलग ही एक्सपीरियंस देता है। इस छोटे से शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं। राजमची पाइंट, लोनावला झील, कारला केव्स, लोहागढ़ फोर्ट, बुशी डैम, रईवुड पार्क तथा शिवाजी उद्यान प्रमुख हैं। परिवार के साथ घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ मस्ती करनी हो, यह जगह सभी के लिए मुफीद है।

राजमची पाइंट

लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर खूबसूरत वादियों से सजा एक दूसरी जगह है राजमची। इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है। यहां का खास अट्रैक्शन शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है। इस जगह की सुंदरता टूरिस्टों को बहुत लुभाती है।

Other beautiful places:
रईवुड पार्क

बुशी डैम

लोहागढ़ किला


रईवुड पार्क 
यह स्थल पूरी तरह से हरियाली से भरा रहता है। खूब सारे पेड़ और धरती पर बिछी हरी घास का इलाका सबका मन मोह लेता है। बड़ों के साथ बच्चे भी यहां खूब मस्ती करते हैं। पार्क में स्थित प्राचीन शिव मंदिर हमें भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था से सराबोर कर देता है।


लोहागढ़ किला 

लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 1,050 मीटर की ऊंचाई पर बसा लोहागढ़ किला बेहद ही दर्शनीय स्थल है। इस किले की बनावट और इसकी ऐतिहासिकता हमें इसकी ओर खींचती है। यह किला शिवाजी का युद्धस्थल भी था। विशाल चट्टान पर स्थित इस किले में कैदियों के लिए लोहे के दरवाजे लगाए गए थे।


बुशी डैम
लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा बुशी डैम एक फेमस पिकनिक स्पॉट है। बरसात के दिनों में जब यह पानी से लबालब भर जाता है तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है। यहां कई पर्यटक पहुंचते हैं

कब जाएं 
लोनावला का मौसम ज्यादातर सुहावना ही रहता है। यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं। लेकिन मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच यहां जाएंगे तो मजा कई गुना बढ़ जाएगा। बरसात का मौसम यहां की झीलों और झरनों को निहारने का सबसे अच्छा समय है।

क्या खाएं
लोनावला चिक्की के लिए मशहूर है। तिल, काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट जैसे मेवों को शक्कर या गुड़ में मिलाकर बनाई जाने वाली चिक्की का स्वाद जबरदस्त होता है। यहां के फज भी बहुत फेमस हैं। लोनवला की यादगार के तौर पर आप यहां से चिक्की, चॉकलेट, मैंगो फज साथ ले जा सकते हैं।

कैसे जाएं
मुंबई से लोनावला 96 किमी है। लोनावला के लिए नजदीक का रेलवे स्टेशन लोनावला तथा नजदीक का हवाई अड्डा पुणे है। मुंबई और पुणे से सड़क मार्ग से भी लोनावला जा सकते हैं।

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Monday, 6 June 2016

Top 7 Sun Temples of India

Introduction: The Vedic scriptures of the Hindu religion refer to the sun as the store house of inexhaustible power and radiance. Ths sun god is referred to as Surya or Aditya. The Vedas are full of hymns describing the celestial body as the source and sustainer of all

on earth. The origin of the worship of the Sun in India is thus several centuries old.

References to sun worship are found in the puranas. The Ramayana speaks of Sage Agastya initiating Rama into sun worship through the Aditya Hridaya Mantra. The astronomer and astrologer Varahamirhira makes references to the intricacies of ceremonies connected with the installation of the icon of the Sun. It is also said that Iran was once a center of Solar worship and that some of the Magha priests of Iran had been brought to India to officiate in ceremonies. 

There are several temples enshrining the Sun God as the principal deity.  Several temples dedicated to Shiva, feature a small shrine for Surya the Sun God. In addition, it is believed that Surya, the Sun God has offered worship at several of the shrines in Tamilnadu; many of these shrines have been designed in such a way that the sun's rays illuminate the sanctum (of Shiva) on certain days of the year. Several of the South Indian Temple Tanks also bear the name Surya Theertham or Surya Pushkarini.

This article takes readers on a journey through seven  temples dedicated primarily to Surya,  Dakshinaarka Temple in the Gangetic Plains, Suryanaar Koyil in South India, Arasavilli and Konark on the East Coast of India, Modhera in Gujarat (Western India), Surya Pahar in North Eastern India and Unao in Central India.   It should be mentioned here that remains of an ancient Sun temple are found at Martanda near Srinagar in Kashmir. It is said to date back to the first century AD. Ruins of a sun temple which attracted thousands of visitors in the 7th century AD are found in Multan in Pakistan.

As with all other temples in India,  legends and beliefs are associated with each of the above temples. It is interesting to note that one of the beliefs shared by worshippers at these temples situated so far apart - is that visits to these temples followed by a dip in the sacred tanks associated with them would bring relief to believers ailing from blindness, leprosy and other skin diseases.

The Dakshinaarka temple at Gaya, Bihar


There is an ancient Sun temple at Gaya in the state of Bihar. Offerings to the ancestors are made at the Surya Kunda or the Dakshina Maanas tank in front of the temple. Sun worship apparently was very popular in the Magadha region which included Gaya. Numerous old images of the Sun God Aditya are found in the Gaya region and there are still quite a number of sun worshippers in Gaya. It is said that they may have descended from the fire worshippers of Central Asia. In fact, the granite image of Aditya (this particular image here is also referred to as Dakshinaarka) or the Sun God worshipped here is portrayed as wearing a jacket, a waist girdle and high boots in the Iranian tradition. Hundreds of people visit this temple on Sundays.

Sun worship in the Magadha region that encompassed Gaya has been mentioned in the Puranas and thus this temple is said to be of very ancient origin. The current structure dates back to the 13th century, where the South Indian emperor Prataparudra of Warangal in Andhra Pradesh is said to have built it.

The Sun Temple at Gaya faces east and is located close to the famous Vishnupaada temple where a footprint of Vishnu is said to be enshrined. To the east of the temple is the tank Surya Kunda. The temple is a simple and plain one, with a dome over it. The comparatively larger sabha mandapa stands in front of the sanctum. Massive pillars line the mandapa where there are graceful stone sculptures of Shiva, Bhramaa, Vishnu, Surya and Durga.

There are two other notable Sun temples at Gaya, namely the Uttaraka temple near the Uttara Maanas tank and the Gayaditya temple on the river Falgu. 


The Bhramanya Dev Temple at Unao in Madhya Pradesh 

The Brahmanya Dev (Baramju) temple dedicated to the Sun is located at Unao near Jhansi in Madhya Pradesh. It is a well visited temple. Local belief is that worshippers find relief from ailments such as blindness and leprosy and other skin diseases. The stone image of the Sun God stands here on a brick platform covered with black plates. Twenty one triangles representing the 21 phases of the sun are engraved in the shrine.There is a protective brass cover for the image. Sunday is the special day of worship. This temple was patronized by the Peshwas and by the ruler of Datia, a nearby town.

Sun Temple at Surya Pahar in Assam

This relatively modern Sun temple in the vicinity of the Surya Pahar Hill near Goalpara in Assam. This temple enshrines a circular stone tablet having 12 images of Aditya in a circle with an image of Kashyapa the father of Aditya in the center. Surya is said to be the son of Aditi and Kashyapa (Prajapati or the creator of beings). Each of the Adityas os one faced and two armed. According to the Puranas the Adityas are 12 in number. The text Kalika Purana mentions Surya mountain, the perpetual abode of the sun. Sun worship was present in early Assam. Surya Pahad is referred to as a virtual gallery of archeological remains. At the foot of the hill, covering a vast area there are found a good number of Siva lingams cut out of stone.In addition, Surya Pahar ruins contain many rock cut figures of artistic merit.

Suryanaar Temple near Kumbhakonam in Tamilnadu 


This ancient temple dedicated to the Sun is located near Kumbhakonam in Tamilnadu. Kumbhakonam and its surroundings abound in huge temples. This well known temple enshrines the Sun - Surya, Kasi Viswanatha and Visalakshi, and the other eight celestial bodies namely Chandran, Angarakan, Budhan, Brihaspati, Sukran, Saniswaran, Rahu and Ketu. An elaborate worship protocol is prescribed for pilgrims visiting here, starting with worship at the shrine of Ganesha, culminating in circumambulating the temple nine times. This temple built in the Dravidian style is over eight hundred years old and was patronized by the Imperial  Chola Kings. This temple is located in close proximity to Kanjanur, and Tirumangalakkudi housing 1200 year old temples to Shiva. Suryanaar Koyil has acquired a lot of popularity in recent times, and is one of the pivotal points in the Navagaraha Stala Tour organized by the Tamilnadu Tourist Development Corporation.



Suryanarayanaswamy- temple at Arasavilli in Andhra Pradesh 


This is a shrine of the Sun in a well preserved state. The temple dates back to the 7th century and a Kalinga king is said to have constructed it. The image of worship is a 5 ft tall one of black granite holding lotus buds - flanked by Usha and Chhaya. Padmapani is the name of this Sun God - padma stands for wisdom usha and chhaya stand for eternity. This shrine is located near Srikakulam in Andhra Pradesh.



The Sun Temple at Modhera - Gujarat


This is a grand temple to the Sun God concieved and built in 1026.  As in the Sun Temple at Konark, this temple was so designed that the rays of the Sun would fall on the image of Surya at the time of the equnoxes. Whatever remains of this temple is grand; the shikharas are notaby absent but the Toranas in the frontal halls, and the intricate carvings in the exterior speak of the splendour of this shrine, which still is home to the Modhera dance festival featuring dance celebrities in performance in a natural setting. Ruins of the sun temple at Modhera in Gujarat show a lot of Magha influence. The walls of the temple have representations of the sun god wearing a peculiar West Asian belt and boots as in the Sun temple at Gaya. Mention must also be made of the huge tank in front of the temple with its multitude of images.


The Sun Temple at Konarak, Orissa  


The grandest and best known of all Sun temples in India is the Konark temple in Orissa. This dates back to the 13th century and it represent the highest point in Orissan temple architecture. Konark is situated 20 miles to the north east of Puri. The word Konark means corner sun.

The black pagoda at Konarak is a grand and magnificient temple in the form of the suns charriot drawn by seven horses marking the 7 days of the week. The 24 huge wheels, magnificiently carved and decorated, mark the hours of the day. This temple was envisioned by the Ganga ruler Narasimha Deva and it was not fully completed. The main idol of the Sun God on which the suns rays fall in the morning is said to have been removed by some Portuguese navigators. The temple now comprises only of the sabhamandap and the natamandir. The main temple crumbled down many years ago.


Sunday, 5 June 2016

घर और नौकरी छोड़ ऐसे दुनिया घूम रहा है ये शख्स, जानिए क्यों आया चर्चा में ?


घर और नौकरी छोड़ ऐसे दुनिया घूम रहा है ये शख्स, जानिए क्यों आया चर्चा में ? 

ब्रसेल्स के रहने वाले एक मॉडल अपने अनोखे ट्रैवल फोटोज की वजह से चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, जोनाथन क्विनोनेज नौकरी छोड़कर दुनिया घूमने निकल गए हैं, लेकिन उन्होंने अपनी हर ट्रैवल फोटोज पर मां के नाम एक मैसेज लगाया है। उनकी फोटोज को एक सोशल साइट पर सिर्फ एक दिन में करीब डेढ़ लाख लोगों ने देखा है।  क्लिक किए एक से बढ़कर एक फोटोज...


जोनाथन अपनी मां को मैसेज देते हुए फोटोज इंस्टाग्राम पर अपलोड करते हैं। उनकी हर फोटो पर ‘Mom I’m Fine’ लिखा होता है। वे कहते हैं- 'मैं ऐसा इसलिए करता हूं ताकि मां मेरे बारे में निश्चिंत रह सके। हालांकि, वह अभी भी परेशान होंगी, लेकिन आखिर में जब वह जानेंगी कि मैं खुद के साथ समय बिता रहा हूं तो उन्हें भी खुशी मिलेगी।'


जोनाथन अब तक दुनिया के कई देश घूम चुके हैं और आगे अपने ट्रैवल पर ब्लॉग भी लिखने वाले हैं। उनका कहना है कि जल्द ही ने अपने ट्रैवल के बारे में विस्तार से लोगों को बताएंगे।

Thursday, 2 June 2016

पाकिस्तान के 10 सीक्रेट डेस्टिनेशन जो हैं बेहद खूबसूरत

पाकिस्तान सुंदर देश है। यहां कई ऐसी जगह हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते। यह बेहद खूबसूरत प्लेसेस हैं। कोई झरनों से घिरा हुआ है तो कहीं फूलों की घाटी है। यहां हम आपको पाकिस्तान की ऐसी ही सीक्रेट डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं। ये जगहें विजिटर्स के लिए बेस्ट ऑप्शन बन सकती हैं।

1. निकरोन वैली  

निकरोन वैली नीलम वैली का ही हिस्सा है। यह मुजफ्फराबाद में स्थित आइसोलेटेड एवं शांत जगह है। चारों और से पहाड़ों और ग्रीनरी से घिरी यह वैली फोटोज के लिए आइडियल लोकेशन है। इसके दोनों तरफ नीलम नदी बहती है। इस वैली को फाउंटेन, वाटर फॉल और फ्लॉवर ट्री की घाटी भी कहते हैं। इस घाटी को पैराडाइज ऑफ अर्थ कहा जाता है। इससे ही घाटी की खूबसूरती का अंदाजा लगाया जा सकता है।  

 2. मिनिमार्ग 

मिनिमार्ग एस्टोर वैली में है। यह गिलगित ब्लस्तिान रीजन में है। यह गिलगित से 190 किलोमीटर है। यह परीलोक की तरह दिखाई देता है। यहां ऊंचे पहाड़ के साथ ही झीलें हैं। यहां इंद्रधनुष हर दिन दिखाई देता है। यहां छोटे-छोटे कॉटेज हैं। यह जगह हरी घास और फूलों से घिरी हुई है।

3. गोराख हिल स्टेशन

गोराख सिंध का फेमस हिल स्टेशन है। यह किरथर माउंटेन पर 5688 फीट ऊंचाई पर स्थित है। यह दादू सिटी से 94 किलोमीटर दूर है। यहां के टेम्परेचर और वेदर के कारण यह लोगों की फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकती है। यहां सर्दियों में 0 और गर्मियों में 20 डिग्री टेम्परेचर रहता है। 

4. मोक्षपुरी 

मोक्षपुरी खैबर पख्तूनख्वा में है। दरअसल यह एक माउंटेन है जो 9200 फीट ऊंचाई पर नाथी हिल्स पर है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम संस्कृत शब्द मोक्ष पर पड़ा है। इसे the hill of salvation' भी कहा जाता है। 

5. शीगर

शीगर रेत के टीलों, नदियों और चरागाहों से घिरा हुआ है। शहर की भीड़-भाड़ से दूर एक ऐसी जगह है जहां पर्यटक खुद को तरोताजा कर सकते हैं। यह ब्लस्तिान का कस्बा है जो शीगर नदी के पास स्थित है। यहां कई ट्रेकिंग स्पॉट के साथ ही हिस्टोरिकल बिल्डिंग्स हैं। यहां एप्पल, चेरी, एप्रीकोट, पियर्स जैसे फलों के पेड़ अधिक पाए जाते हैं। 

6. गरम चश्मा

गरम चश्मा एक गांव है, जो चितरल डिस्ट्रिक्ट में है। यह गर्म पानी के झरने के लिए जाना जाता है। लोगों का मानना है कि इस झरने के पानी से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि झरने के नीचे सल्फर जमा हो जाता है जिससे झरने का पानी गरम हो जाता है। यह एक विशेष प्रकार की मछली के लिए भी फेमस है।

7. पीर घैब 

यह प्लेस पाकिस्तान के सीक्रेट डेस्टिनेशन में से एक है। दरअसल, यह एक वाटरफॉल है जो पीर घैब पिकनिक स्पॉट में है। यह क्वेटा से 70 किलोमीटर दूर स्थित है। हिंदु लोग पीर घैब को महादेव के रूप पूजते हैं। यह बेहद खूबसूरत झरना है। इसके चारों ओर का दृश्य बेहद खूबसूरत है। 

8. एरोर

यह शहर महल, किले, और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहले यह अरोरा कास्ट के लोगों का गांव था।

9. मूला गांव 

खुजदर से 80 किलोमीटर दूर एक सुंदर गांव है, इसे मूला कहते हैं। यह खुजदर जिले की तहसील है। यह जगह विशाल घास के मैदानों, नक्काशीदार चट्टानों, नदियों और झरने के लिए फेमस है। 

10. बनजोस लेक

यह रावलकोट की आर्टिफिशियल लेक है जो जंगल और पहाड़ों से घिरी हुई है। यह रावलकोट शहर से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह प्लेस हमेशा ठंडा रहता है। दिसंबर-जनवरी में यहां बर्फ गिरती है और टेम्परेचर माइनस 5 तक हो जाता है।